दिल्ली दंगो पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का खुलासा-पुरी तैयारी के साथ दंगो को अंजाम दिया गया.

दिल्ली दंगा जिसमे 53 जीवन काल का ग्रास बन गए थे ,250 के करीब घायल हुए और सैकड़ो करोड़ की सम्पति  मिट्टी में मिल गयी. 

दिल्ली दंगा 


इस दंगे की टाईमिंग को लेकर पहले से ही ये शक जताया जा रहा था की ये दंगे इत्तेफाक से ना होकर पूर्व सुनियोजित थे। इन दंगो की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इसका खुलासा सिलसिलेवार तरीके से कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में किया है.
हत्या के उक्त 53 मामले समेत छह अन्य मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच में तीन एसआइटी का गठन किया गया। उन्हीं में दो मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट में आरोप पत्र दायर किए गए.
 हवलदार दीपक दहिया पर दंगे के दौरान पिस्टल तानने वाले ड्रग तस्कर शाहरुख पठान मामले में क्राइम ब्रांच पहले ही आरोप पत्र दायर कर चुकी है.

क्राइम ब्रांच चार्जशीट के अनुसार इशरत जहां खालिद शैफी से मंडोली जेल में पूछताछ की गई तो खालिद ने बताया कि उन्होंने इन दंगो को योजना बनाकर अंजाम दिया है तथा इसमें अमानतुल्लाह और जामिया के कुछ छात्रों ने उनका साथ दिया है।
 खालिद अनुसार उन्हें लगता है केंद्र सरकार मुस्लिम विरोधी है, धारा 370 और 35A हटना और बाबरी मस्जिद के जगह पर श्री राम मंदिर के निर्माण को लेकर भी सरकार के प्रति गुस्सा था। 
खालिद ने पूछताछ में  आगे बताया की उन लोगों को लगा कि यह मौका है लोगों को भड़काकर इस मुद्दे को इतना बड़ा बना दो की सरकार हमारे सामने झुक जाए.
मदरसे में मीटिंग रखीं गयी – 
 11 जनवरी 2020 को सीएए,एनआरसी और एनपीआर के पर्चे बंटवाए गए व 12 जनवरी 2020 को इमाम वसीम की सरपरस्ती में मदरसे में एक मीटिंग रखीं गयी  जिसमें आसपास में रहने वाली औरतों को इकट्ठा करके धरने के लिए उकसाया  गया और मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया। 13 जनवरी को पेट्रोल पंप खुरेजी के पास धरने पर बैठ गए और फिर भाषण देकर लोगों और औरतों को भड़काते रहे।
क्राइम ब्रांच के अनुसार 23 फरवरी को उन लोगों को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने की बात पता चली तो उन्‍होंने दिल्ली में अलग-अलग जगह रोड जाम करके प्रोटेस्ट करने का प्लान बनाया और प्रोटेस्ट को हटाने पर दंगों में बदलने की प्लानिंग की ताकि सरकार की विदेशों में इमेज खराब हो जाए।
  इसके लिए फंड की जरूरत थी जो पीएफआई से मिल रहा था। खालिद ने बताया कि इस योजना के तहत 25 फरवरी को खुरेजी में जाम किया और पुलिस के मना करने पर उन पर पथराव किया था।

 दिल्ली दंगों से कनेक्शन को लेकर गिरफ्तार किया गया खालिद सैफी मलेशिया में देशद्रोह के आरोप में देश छोड़कर भागे इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक से मिला था।

सैफी पर आरोप है कि वह दिल्ली दंगों को भड़काने के लिए मददगार बना था। सैफी की उमर खालिद और ताहिर हुसैन से भी काफी नजदीकी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस द्वारा फाइल की गई स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक,फंड साउदी अरब से सिंगापुर में एक एनआरआई के पास आये थे।
 जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां के पास भी गाजियाबाद में और महाराष्ट्र में उसके कुछ रिश्तेदारों के पास संदिग्ध रुट्स से पैसा आया था। बता दें कि इशरत को भी दिल्ली पुलिस ने मार्च में दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार किया था। 

दिल्ली दंगो के लिये whatsapp ग्रुप भी बनाया गया –

दिल्ली दंगो की चार्जशीट के अनुसार 24 फरवरी को हिंसा के लिए वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया,ग्रुप में 125 लोगों को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था,दंगे फैलाना ,लोगों की हत्या करना और आगजनी करने के लिये उकसाना इस ग्रुप का मकसद था। इस ग्रुप के सदस्यो ने 25 और 26 फरवरी की रात 9 लोगों की हत्या के बाद सभी की लाशें गोकुलपुरी जोहरीपुर पुलिया के पास नाले में फेंक दी थी,इन 9 हत्याओं के मामले में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया था. इन  हत्याओं के बाद वाट्सएप ग्रुप के अधिकतर सदस्य एग्जिट हो गए थे और चैट को डिलीट कर दिया था. क्राइम ब्रांच अभी भी ग्रुप बनाने वाले शख्स की तलाश कर रही है,ये लोग धर्म की पहचान करने  के लिए आरोपी लोगों के पहचान पत्र समेत तमाम चीजों की चेकिंग कर रहे थे

 दंगाइयों के वाट्सएप ग्रुप के एक सदस्य ने 26 फरवरी की रात 11:39 बजे लिखा था कि “भाई मैं गंगा विहार से. अगर किसी को कोई समस्या हो. वहां लोग कम पड़े तो बता देना. मैं अपनी पूरी गंगा विहार की टीम के साथ आऊंगा. सारा सामान है हमारे पास. गोली, बंदूक सब कुछ.”
फिर उसी ने रात के 11:44 पर लिखा था कि “तुम्हारे भाई ने अभी भागीरथी विहार में 2 ** मारे हैं और नाले में फेंका है अपनी टीम के साथ. तुम्हें पता है तुम्हारा भाई सबसे आगे रहता है ऐसे कामों में.” उसी आरोपी ने रात 12:15 बजे ग्रुप में लिखा कि “भाई पूरी रात जागूंगा कुछ भी हो तो याद कर लेना एक बार बस.”
इन 9 हत्याओं के मामले में दिल्ली पुलिस ने 3 अलग-अलग हत्याओं के केस में 3 अलग-अलग चार्जशीट दायर की हैं. क्राइम ब्रांच के अनुसार अभी कई और आरोपियों की तलाश जारी हैं.

इससे पहले क्राइम ब्रांच ने  कड़कड़डूमा कोर्ट में दो चार्जशीट दाखिल की थी। पहला केस चांद बाग हिंसा और दूसरा मामला जाफराबाद दंगे से जुड़ा है। पुलिस ने चांद बाग हिंसा मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दंगों का मास्टरमाइंड बताया है और ताहिर के भाई शाह आलम समेत 15 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हिंसा के वक्त ताहिर हुसैन अपने घऱ की छत पर था और हिंसा भड़काने का काम कर रहा था


ताहिर की लाइसेंसी पिस्टल, जिसका उसने दंगे के वक्त इस्तेमाल किया था, उसे जांच के दौरान पुलिस ने जब्त किया था। पुलिस के मुताबिक हुसैन ने दंगे से ठीक एक दिन पहले खजूरी खास पुलिस स्टेशन में जमा अपनी पिस्टल निकलवाई थी। 
जाफराबाद हिंसा में ‘पिंजरा तोड़’ ग्रुप की दो महिला कार्यकर्ता शामिल
वहीं, क्राइम ब्रांच ने दूसरी चार्जशीट जाफराबाद में हुई हिंसा के मामले में दाखिल की। इसमें ‘पिंजरा तोड़’ ग्रुप की दो महिला सदस्यों के शामिल होने की बात सामने आई है। एक नताशा नरवाल और दूसरी देवांगना कलिता है। यह मामला 22 फरवरी को हुई हत्या और दंगे के लिए दर्ज किया गया था। दंगे के दौरान गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हुई थी। 
दोनों महिला कार्यकर्ताओं के तार उमर खालिद से जुड़े
पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि नताशा और देवांगना दोनों दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास दंगे की साजिश में शामिल थी।ये दोनों बड़ी साजिश का हिस्सा थे और ‘इंडिया अंग्रेस्ट हेट’ ग्रुप और उमर खालिद से जुड़े पाए गए। पिंजरा तोड़ ग्रुप की महिलाओं को आरोपी बनाने के लिए अलग से सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी।  
यह थे मैसेज
घर में गर्म खौलते हुए पानी और तेल का इंतजाम करें।
बिल्डिंग की सीढ़ियों पर तेल, शैंपू या सर्फ डाल दें।
लाल मिर्च गर्म पानी में या पाउडर के रूप में प्रयोग करें।
दरवाजों को मजबूत करें, जल्द से जल्द ग्रिल या लोहे के गेट लगवाएं।
तेजाब की बोतलें घर में रखें।
बालकनी व छत पर ईंट और पत्थर रखें।
कार व बाइक से पेट्रोल निकाल कर रखें।
लोहे के दरवाजों में स्विच से करंट का इस्तेमाल करें।
एक इमारत से दूसरी इमारत में जाने के लिए रास्ते का इंतजाम करें।
बिल्डिंग के सारे मर्द हजरात एक साथ इमारत ना छोडें, कुछ लोग महिला सुरक्षा के लिए रुकें।
दंगे के मुख्य आरोपी आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन पर ईडी का शिकंजा कसा- 

उत्तर-पूर्वी जिले में हुए दंगे के मुख्य आरोपित आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन पर ईडी ने अपना शिंकजा कसना शुरू कर दिया है.

ताहिर 


  एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने उसके चांद बाग व करावल नगर स्थित घरों पर छापेमारी की है। इससे पूर्व पिछले हफ्ते ईडी ने ताहिर और उससे जुड़े लोगों के यहां दिल्ली और नोएडा में 6 स्थानों पर छापे मारे थे। ताहिर का नाम दंगे में सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने चांद बाग स्थित उसका घर सील कर पुलिस तैनात कर दी थी।


 छापे के दौरान ईडी ने ताहिर के घर से कई अहम दस्तावेज जब्त किए है।इनमे कई बैंक खातों से सम्बन्धित  दस्तावेज है। चार्जशीट में क्राइम ब्रांच ने ताहिर पर कई संगठनों से मोटी रकम लेने और दंगाइयों में एक करोड़ से अधिक रुपये वितरित करने का आरोप लगाया है। हालांकि, दावा यह भी किया जा रहा है कि उसने खुद के लाखों रुपये भी वितरित किए हैं।
इसी वजह से करीब डेढ़ महीने पहले ही ईडी ने ताहिर व अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। आरोप है कि ताहिर ने फर्जी कंपनियों के जरिये 1 करोड़ से अधिक रुपये सीएए विरोधी प्रदर्शन करने वालों को देकर दंगे की साजिश रची थी।चार्जशीट में ताहिर हुसैन, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूख को दंगे का प्रमुख साजिशकर्ता बताया गया है 
 दरअसल, ईडी के अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूख और ताहिर का लेनदेन हुआ या नहीं हुआ। यदि लेनदेन हुआ तो दंगे से पहले कितना और कब हुआ,क्योंकि फैसल पर हिंसा से पहले देवबंद से दंगाइयों को लेकर आने का आरोप है।

 यूपी के अमरोहा का रहने वाला ताहिर 2 दशक पहले मजदूरी करने दिल्ली आया था तब से दिल्ली के करावल नगर में ही परिवार के साथ रह रहा है। कभी मजदूरी करने अमरोहा से दिल्ली आया ताहिर आज कई फैक्ट्री का मालिक है। ताहिर 2017 में पहली बार चुनाव लड़ा था और आम आदमी पार्टी से पार्षद चुना गया ।



















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