20 दिनों में ही भारत के सख्त एक्शन का असर दिखने लगा-चीन ने भारत की ताकत को आंकने में गलती कर दी। 20दिन 20बातें जो आपको जाननी चाहिए.
15 जून की रात जो गलवान घाटी में हुआ,भारत कभी भी इस घटना को नहीं भुला पायेगा,निहत्थे भारतीय वीरो पर चीन के सैनिको ने पूर्व सुनियोजित योजना से घात लगाकर हमला किया,इस हमले में हमारे 20वीर सपूतो को बलिदान देना पड़ा,संख्या बल में भारतीय वीरो से 3गुणे चीनी सैनिको को भी इसमें काफी नुक्सान हुआ ,मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के करीब 43 सैनिक इस झड़प में मारे गए और सैकड़ो घायल हुए।
इस घटना ने पुरे भारत वर्ष को झकझोर कर रख दिया,भारत में चीन के प्रति गुस्से की जो आग 15 जून को जली थी ,वो दिन प्रतिदिन और ज्यादा तेज होती जा रही है,चीन में बैठे बुद्धिजीवी अब इस बात को लेकर चीनी सरकार की आलोचना करने लगे है की,चीन ने भारत को आंकने में गलती कर दी है,इसका बहुत बड़ा खामियाजा अब चीन को भुगतना पडेगा।
भारत सरकार ने चीन के विरुद्ध आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए,तीनो मोर्चो को एक साथ खोल दिया है,इस आक्रामकता की कल्पना चीन ने सपने में भी नहीं की होगी।युद्ध के मैदान में भारत ने अपनी सेना चीन के सामने खड़ी कर दी है ,पहले चीन की सीमा पर गश्त करते वक़्त हथियार साथ नहीं रखने की जो संधि थी,अब भारत ने उसे तोड़ दिया है,अब सैनिक हथियारों के साथ गश्त पर रहेंगे।
रूस का s400 एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम |
रूस से s400 एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम,33 नये फाइटर प्लेन,इजरायल से एडवांस स्पाइस-2000 बम,अमेरिका से मिसाइल और लेजर गाइडेड ड्रोन की खरीद भी तेजी से की जा रही है। इनमे से कुछ रक्षा सौदे पहले किये जा चुके थे,अब उन पर तेजी से काम किया जा रहा है,इनके अलावा और हथियारों की खरीद पर भी विचार किया जा रहा है.
अमेरिकन ड्रोन |
सामरिक रूप से भारत के पक्ष में आज बहुत से देशो ने चीन के विरुद्ध आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है,सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण क्षेत्र आर्थिक है जिसके बलबुते चीन भारत पर अपनी धाक जमाना चाहता है,इस मोर्चे पर भारत ने चीन की रातो की नींद उड़ानी शुरू कर दी है,पिछले 20 दिनों में भारत ने जो आर्थिक झटके चीन को दिए है, अब चीन के बड़बोले अखबार ने भी इन झटको से चीन को नुक्सान होने की खबरे देना शुरू कर दिया है।
आईये जानते है इनमे से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय जो चीन को आर्थिक मोर्चे पर कमजोर कर रहे है –
- 29 जून 2020 की शाम चीन के विरुद्ध भारत की सबसे बड़ी आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक हुई,इसमें 59 चीनी ऐप्स को बैन किया गया। इसमें TikTok के अलावा DU Recorder, Likee, Helo, Vigo Video सहित कई प्रचलित ऐप थे। चीन के बड़बोले अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक केवल टिकटॉक और हेलो ऐप पर बैन से चीन की बाईट डांस (ByteDance) कंपनी को लगभग 45,000 करोड़ रुपये के नुकसान की उम्मीद है
- सरकारी टेलिकॉम कंपनियों BSNL और MTNL में चीन में निर्मित बहुत मशीनरी का प्रयोग किया जाता था जो इन कम्पनीयो की कुल खरीद के 25 % था,जिनकी अनुमानित लागत 3000 करोड़ सालाना के लगभग थी ,अब सरकार ने इन कम्पनीयो को चीनी सामान ना खरीदने की एडवायजरी जारी की है ,साथ ही वोडाफ़ोन ,एयरटेल आदि को भी चीन से सामान ना खरीदने की सलाह दी गयी है,भारत में 5G सेवा विस्तार के लिए चीनी कंपनियों को ठेके दिये गए थे, जिन्हें रद कर दिया गया है। जो अरबो रुपयो के थे
- भारत सरकार के बिजली मंत्री आरके सिंह ने चीन व पाकिस्तान से बिजली उपकरण आयात बंद करने की घोषणा की है। भारत प्रतिवर्ष 71,000 करोड़ रुपये के बिजली उपकरण आयात करता है, जिसमें से 21,000 करोड़ रुपये के उपकरण अकेले चीन से आते थे।
- शुक्रवार (03 जुलाई) को उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने कानपुर व आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए कोच सप्लाई की निविदाएं खुलने पर चीनी कंपनी को बाहर कर दिया। दोनों प्रोजेक्ट में 67 ट्रेनों के लिए कोच की आपूर्ति होनी है। अब ये ठेका गुजरात की बॉम्बार्डियर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है।
- नीतीश सरकार ने 29.26 अरब रुपये का ठेका सिर्फ इसलिए निरस्त कर दिया क्योकी प्रोजेक्ट में चुने गए चार ठेकेदारों में से दो के पार्टनर चाइनीच थे। ये ठेका पटना में गंगा नदी पर पुल बनाने का था,ये मौजूदा महात्मा गांधी सेतु के बगल में बनना है। इसके साथ लगभग 15 किलोमीटर की सड़क भी बननी है।
- कानपुर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच सिग्नलिंग के लिए वर्ष 2016 में चीनी कंपनी को 471 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था। रेलवे ने मौजूदा तनाव के बीच ये ठेका रद कर दिया है।
- ठाकरे सरकार ने चीन की वाहन निर्माता 3 बड़ी कम्पनीयो से हुये करीब 5 हजार करोड़ के अनुबंधों को टाल दिया।
- भारत-चीन के बीच 5 मई को शुरू हुई तनातनी के बाद मोदी सरकार ने एफडीआई के जरिये चीनी कंपनियों के निवेश को नियंत्रित करना शुरू कर दिया था। इसके लिए भारत सरकार ने संबंधित नियमों में बदलाव किये हैं। इसकी ताजा मार जोमेटो पर पड़ी है,जिसमे चीन निवेश की बढ़ोतरी को रोक दिया गया है
- दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए 1000 ई-बसें उतारने की तैयारी की है। इसके लिए चीन से बस के पार्ट्स खरीदकर भारत में असेंबल करने की योजना थी। अब दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि वह चीन से कोई भी पार्ट्स नहीं खरीदेगी।दिल्ली ने यूरोपीय देशों में संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं।
- इसके अलावा व्यापार संघटनो ने भी चीन में निर्मित सामान के विरुद्ध बहुत बड़ा अभियान चला रखा है , सरकार के साथ मिलकर ये संघठन भारत में बहुत सी वस्तुओ के उत्पादन की सम्भावनाओ पर रिपोर्ट तैयार कर रहे है ,सरकार इसके लिए हर सम्भव सहायता का वादा व्यापारीयो को दे रही है।
- चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के अनुसार दीपावली पर केवल दिल्ली में चीन से 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का सामान भारतीय बाजारों में पहुंचता है। पूरे देश में दीपावली पर चीन से तकरीबन 1 लाख करोड़ रुपये का सामान आता है।जिसके विरुद्ध अब व्यापारी लामबंद हो गए है.
- पंजाब के फेडरेशन ऑफ ऑटो पार्ट्स मेन्युफैक्चरर ने भी ऑटो निर्माण कंपनियों से चाइनीज पार्ट्स की जगह भारतीय पार्ट्स का इस्तेमाल करने को कहा है।
- हीरो साइकिल ने 900करोड़ की डील जो चीन की एक कम्पनी के साथ थी को तोड़ दिया है,हीरो साइकिल अब भारत में ही साइकिल पार्ट्स निर्माताओं के साथ संघटित रूप से कार्य करने पर जोर दे रहा है।
- दिल्ली मेरठ रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम से चीन की कंपनी को बाहर कर दिया गया है।
- हाईवे व टोल प्रोजेक्ट में भी चीन की कम्पनीयो की एन्ट्री पर रोक लगा दी गयी है।
- सरकार अब बहुत से चीनी उत्पादों पर ड्यूटी बड़ा रही है ,जिसके कारण उनकी लागत बढ़ जायगी,और बाजार में वो अन्य उत्पादों से महगें हो जायेगे।
- चीन से आने वाले टायर पर भारत पहले ही रोक लगा चुका है। अब इसकी समय सीमा में बढ़ोतरी की पूरी सम्भावना है.
- चीन से आने वाले सामान की पहले सिर्फ सेम्पल जांच होती थी,जिससे कंटेनर में चोरी से भी माल आ जाता था,अब हर कंटेनर की बारीकी से जांच होती है,व एक एक चीज की जांच की जाती है.
भारत के बढ़ते दबाव व सख्त निर्णयों के कारण चीन को गलवान घाटी में अपनी सेना को 2km पीछे हटाना पड़ा है, लेकिन धोखेबाज चीन पर भारत आज भी विश्वास नहीं कर रहा,भारत की सेना अग्रिम मोर्चे पर तैयार खड़ी है
भारत में चीन के प्रति गुस्सा पुरे उबाल पर है,भारत सरकार भी इस मौके को भुनाते हुए आत्मनिर्भर भारत के अपने फार्मूले को पूर्णतया लागू करने के लिए प्रयासरत है।