भारतीय क्रिकेट जगत से भी चीन की विदाई पर विचार,BCCI की बैठक में चीनी प्रायोजकों के साथ अनुबंध पर चर्चा,VIVO के IPL से बाहर होने की संभावना.

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद देश में चीन के खिलाफ माहौल बहुत गर्माया हुआ है . 
 सरकार पर इसके खिलाफ कार्यवाही का भी दबाव बन रहा है,भारत की जनता इस घटना के बाद ज्यादा उग्र तरीके से चीनी सामान और चीनी कम्पनीयो के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है व इनका बहिष्कार कर रही है. 

इस विरोध की आंच क्रिकेट जगत तक पहुंच गयी है,इसी के मध्य नजर BCCI पर भी दबाव आ रहा है की चीनी कंपनियों के साथ प्रायोजन अनुबंध पर पुनर्विचार करे। 
इसी माहौल में BCCI की इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) गवर्निंग काउंसिल ने चीनी प्रायोजकों के साथ अनुबंध पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह बैठक बुलाई है. 

bcci



कुछ समय पहले BCCI ने कहा था कि वो आईपीएल प्रायोजक Vivo से तब तक नाता नहीं तोड़ेगा जब तक सरकार की तरफ से इसके निर्देश नहीं मिलते हैं . 
लेकिन गलवान घाटी में 20 सैनिको की शहादत के बाद देश में बने माहौल से बीसीसीई के नजरिए में बदलाव आया है,ब BCCI ने वीवो, ड्रीम इलेवन जैसी चीनी कंपनियों के साथ हुए करार पर एक बार दोबारा विचार करने का फैसला किया है। 
आपको बता दे IPL की मुख्य मौजूदा प्रायोजक चीनी मोबाइल कंपनी Vivo है,BCCI ने वीवो के साथ 2200 करोड़ रुपये में पांच साल तक के लिए करार किया है। आईपीएल का यह मुख्य प्रायोजक हर साल बीसीसीआई को 440 करोड़ रुपए देता है। 


 BCCI की घरेलू अंतरराष्ट्रीय सीरीज में पेटीएम मुख्य प्रायोजक है.पेटीएम में 37.15 प्रतिशत हिस्सा चीनी कंपनी अलीबाबा का है,बीसीसीआई ने 326.8 करोड़ रुपये में पेटीएम के साथ करार किया हुआ है. 
इसके अलावा फैंटेसी पार्टनर के तौर पर ड्रीम इलेवन है,जिससे मोटी रकम बीसीसीआइ को मिल सकती है।
भारतीय कंपनी बायजू (Byju’s) में भी चीनी कंपनी का पैसा लगा हुआ है।

आर्थिक मोर्चे पर चीन से लड़ने के लिए भारत की तैयारी,भारत ने कड़े किये तेवर.उधोग जगत से महत्वपूर्ण जानकारीयां मांगी गयी,FDI पर कड़ी नजऱ 👈click here













Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *