CORONA CHINA AND F D I
कोरोना चाइना और F D I आज जब कोरोना महामारी अपने रौद्र रूप में आकर तांडव मचा रही है ,समस्त विश्व इस महामारी से त्राहिमाम कर रहा है,और इस से उभरने के हर संभव प्रयास कर रहा है। लेकिन अफसोस कुदरत या चीन की इस मार का हल 4 महीने बीत जाने के बाद भी संसार क़ि तमाम ताकतें मिलकर अभी तक नहीं ढूंढ पायीं है।
प्राकृतिक या चीन का वायरस
अगर इसे प्राक्रतिक मानकर इस विषय में बात की जाये तो भी चीन इस महामारी के जुर्म से अपने दामन को पाक साफ नहीं रख सकता ,क्योकि इसकी शुरुवात चीन के वुहान प्रान्त से हुईं थी. व चीन इस महामारी के समस्त राज शुरू से ही छिपाता रहा ,और इस महामारी को चीन से निकल सम्पूर्ण विश्व में फ़ैलने तक वो पुरे विश्व को इस पर गुमराह करता रहा। इस काम में who की भूमिका भी गैर जिम्मेदाराना रही है ,जो मार्च तक ये कहता रहा की covid 19 एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में नहीं फैलता। अगर सम्पूर्ण विश्व को चीन इस विषय मेंअपनी बात साँझा करता तो ये महामारी इतना विकराल रूप ना ले पाती।दूसरा पहलु ये है की चीन vs अमेरिका का जो अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक युद्ध चल रहा है उसके परिणाम स्वरुप चीन की तरफ से चली गयी कोई चाल भी हो सकती है।
जापान ने की 2 .2 बिलियन डॉलर राहत पैकेज कीघोषणा
आज विश्व संकट काल में चीन के इस गैर जिम्मेदाराना व मौका परस्त व्यवहार के कारण बहुत से देश नाराज होकर चीन से अपना कारोबार समेटने पर गंभीरता से विचार कर रहे है ,बहुत से देशो ने अपने देश की कम्पनीयो को जो चीन में उत्पादन का कार्य कऱ रही है,वहाँ से अपना व्यापार समेटने पर राहत पैकेज देने का आश्वाशन दिया है,जापान ने तो इसके लिए 2 .2 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा भी कर दी है। इसमें लगभग 2 बिलियन डॉलर तो वापिस जापान में अपनी यूनिट लगाने के लिए तथा बाकि चीन को छोड़ किसी अन्य देश में अपनी यूनिट ले जाने पर मुआवजे के तौर पर दिए जायेगे।अमेरिका भी अपनी CO.को चीन छोडने वअन्य देशो में यूनिट लगाने के लिए अडवायजरी ज़ारी कर रहा है।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ऐसे माहौल में भारत की तरफ सभी आशा भरी निग़ाह से देख रहे है। कोरोना लड़ाई में भारत की रणनीति की पूरा विश्व एक सुर में तारीफ कर रहा है।Hydroxychloroquine दवाई के मामले में जो भारत का ने दूसरे देशो का सहयोग किया है , उससे पूरा विश्व भारत की प्रंशसा कर रहा है। आज चीन को छोड़ दुसरी जगह तलाशती कम्पनीयो की लिस्ट में भारत सबसे ऊपर है,भारत की मोदी सरकार भी इस मौके से चुकना नहीं चाहती और इसके लिए सरकार ने अपनी रणनिति बना तैयारी तेज कर दीहै ,सरल भाषा मेंजिस गुजरात मॉडल में कम्पनीयो को सस्ती जमीन व् अन्य सुविधाएं और उनकी आवश्यकताओ के अनुसार माहौल का प्रावधान होता है उसी तर्ज पर समस्त भारत में माहौल बनाया जा रहा है.नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (New & Renewable Energy Ministry) ने बिना देरी किए विदेशी कम्पनियो के स्वागत की तैयारी भी शुरू कर दी है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव आनंद कुमार ने कहा कि हम निवेश के अनुकूल माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इज ऑफ डूइंग बिजनेस में और बढ़ोतरी करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा माहौल बनाने की कवायद है जिससे निवेश करने वाले को बिजनेस में रिस्क बहुत कम हो. हम ऐसा इकोसिस्टम बनाने की की ओर हैं जिसमें रीन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में काम आने वाले एंसिलरीज़ और उपकरण मेड इन इंडिया हो,हमारी मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज अपने एक्सपोर्ट के जरिए दुनिया की सेवा कर सके. फैक्टरियों के लिए जमीन तलाशने में तेजी
Nice
धन्यवाद