चीन में निर्मित सामान की पहचान करना होगा आसान,अमेजन,फ्लिपकार्ट आदी पर बिकने वाले सामान पर अब जल्द ही उत्पादक देश का नाम लिखना अनिवार्य होगा.
भारत ने हर मोर्चे पर चीन की घेराबंदी करने के लिए कमर कस ली है,जहां जहां कमीया है,गहरायी से विचार कर उनको सुधारा जा रहा है.आर्थिक मोर्चे पर सरकार ने देश में निर्मित उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नयी गाइड लाइन जारी कर दी है।
इसी कड़ी में अब ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने हर उत्पाद पर कंट्री ऑफ ओरिजिन यानी उत्पाद कहां बना है, इसका जिक्र करना अनिवार्य कर दिया गया है,ऑनलाइन पोर्टल पर चीन में निर्मित उत्पादों की सबसे ज्यादा सेल होती है और उपभोक्ता अज्ञानता बस चीन में निर्मित सामान की खरीद कर लेता है.
सरकार ने अब उपभोक्ताओं को ये सुविधा प्रदान करने का फैसला किया है की वो ये जान सके की जिस वस्तु को वो खरीद रहा है,उसका निर्माण किस देश में हुआ है। अब जल्द ही अमेजन,फ्लिपकार्ट पर सेल होने वाले हर प्रोडक्ट पर लिखा मिलेगा कंट्री ऑफ ओरिजिन यानि इस उत्पाद का निर्माण किस देश में हुआ है,ये हर वस्तु पर लागु किया जा रहा है.
पहले ई-कॉमर्स कंपनियां इस काम के लिए कम से कम 3 महीने का वक्त मांग रही हैं।लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई थी.
नए नियमों के तहत पोर्टल पर मौजूद सभी प्रोडक्ट पर कंट्री ऑफ ओरिजिन जरूरी है।नई लिस्टिंग पर कंट्री ऑफ ओरिजिन नियम पहले से लागू है।मामले पर डिपॉर्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने कुछ दिनों पहले इस विषय पर दूसरी बार बैठक की,इस बैठक में 30 ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
डीपीआईआईटी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकार 1 अगस्त तक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नई लिस्टिंग के लिए ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’ उपलब्ध करा रही है और सितंबर के अंत तक पुरानी लिस्टिंग के लिए यह उपलब्ध हो जाएगा।
इसी क्रम में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने सभी सेलर्स को10 अगस्त तक सभी नए और मौजूदा प्रोडक्ट लिस्टिंग पर कंट्री ऑफ ओरिजिन का खुलासा करने को कहा है।
यानी अब हर प्रोडक्ट की लिस्टिंग पर ये लिखना होगा की यह सामान किस देश में बना है।एमेजॉन ने इस बारे में सभी सेलर्स को एक ईमेल भेजा है जिसमे10 अगस्त तक इस आदेश का पालन नहीं करने पर उनकी लिस्टिंग सस्पेंड की चेतावनी दी है।
एमेजॉन इंडिया का दावा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर 5 करोड़ से अधिक यूनीक प्रोडक्ट लिस्टेड हैं। कंपनी का यह आदेश क्लाउडटेल इंडिया और एपेरियो रिटेल पर भी लागू होगा जिनकी होल्डिंग कंपनियों में एमेजॉन की अल्पांश हिस्सेदारी है।इन दो सेलर्स का वित्त वर्ष 2019 में संयुक्त राजस्व 17000 करोड़ रुपये था।एमेजॉन ने ईमेल में कहा है कि 21 जुलाई से कंट्री ऑफ ओरिजिन जरूरी होगा।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ाने के मकसद से सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। सरकारी ई-मार्केटप्लेस के नए फीचर लागू होने से पहले जिन सेलर्स ने अपने उत्पाद अपलोड किए हुए हैं, उनको भी कंट्री ऑफ ओरिजिन अपडेट करना होगा।
घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कंट्री ऑफ ओरिजिन(मुल उत्पादक देश) पर सरकार की सख्ती रंग लाने लगी है।अब जो ऑनलाइन पोर्टल पर चीन में निर्मित सामान आसानी से बेच रहे थे,उनके लिए राह मुश्किल है,सरकार का कंट्री ऑफ ओरिजिन(मुल उत्पादक देश)(Country of Origin )लिखने के पीछे का मकसद स्वदेशी उत्पादकों का सहयोग करना है और उपभोक्ताओं को स्वदेशी उत्पाद खरीदने की उसकी इच्छा में सहायता करना है।