68607 करोड़ बैंक कर्ज माफ़ी मामले में कांग्रेस के आरोपों पर सरकार का जवाब

68607 करोड़ बैंक कर्ज माफ़ी मामले में  कांग्रेस के आरोपों पर  सरकार  का जवाब 

68607 करोड़ बैंक कर्ज माफ़ी मामले में  कांग्रेस के आरोपों पर  सरकार  का जवाब
बड़े बड़े 50घरानो की 68607 करोड़ रू के (बट्टा खाता)राइट आफ पर मचे घमासान में आज जवाब देने की बारी सरकार की थी,जिसके लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोर्चा सँभालते हुए एक के बाद एक13 ट्वीट किए.एक ट्वीट में लिखा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है. बिल्कुल कांग्रेस वाले तरीके से उन्होंने संदर्भ से बाहर निकालकर तथ्यों को सनसनीखेज बनाया है और विलफुल डिफाल्टरों (जान बूझकर कर्जा ना चुकाने वाले),फसें कर्जो पर देश को गुमराह करने की कोशिश की है.वित्त मंत्री ने कहाँ 2009-10 और 2013-14के बीच अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने 145226 करोड़ रुपये की राशि को राइट-ऑफ (बट्टे खाते में) किया था. आशा है कि राहुल गांधी ने डॉ मनमोहन सिंह से सलाह ली होगी कि यह राइट-ऑफ (बट्टा खाता) किस बारे में था.  (विलफुल डिफाल्टर उन कर्जदारों को कहते हैं जो सक्षम होने के बावजूद जानबूझकर कर्ज नहीं चुका रहे)
  बैंको में कर्ज माफ़ी और राइट ऑफ(बट्टा खाता) में अंतर – राइट ऑफ एक बैंकों की तरफ से की जाने वाली अकाउंटिंग की प्रक्रिया होती है। जहाँ  पुराने कर्ज को एक अलग बट्टे खाते में डाल दिया जाता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं होता है कि कर्ज की वसूली ही बंद कर दी जाती है। बैंक कर्ज की वसूली के लिए अपनी कार्यवाही पहले की तरह जारी रखते है, उस कर्ज में से वसुली होने पर वो उनके मुनाफे में दिखाई देता है.सरल भाषा में कहे तो खाते में ऊपर हैडिंग बदला जाता है ,कर्ज को वसुलने की कार्यवाही पहले की तरह जारी रहती है.चाहे वो क़ानूनी हो या अन्य कार्यवाही। ये काम बैंकों की तरफ से एनपीए (फंसे कर्ज) के लिए प्रावधान के बाद किया जाता है.          

 RBI के पूर्व अधिकारी के अनुसार बैंक कर्ज माफ़ी और खाते – देश में कर्ज के कई मामले ऐसे होते हैं जिनकी वसूली मुकदमों और अलग-अलग विभागों की जांच में उलझ जाती है। उनके मुताबिक इन चीजों में लंबा वक्त लगता है,ऐसे में उस कर्ज को बैंक के खातों में लेकर चलने से वो कारोबार के मुनाफे पर बोझ बन जाता है इसीलिए ऐसे कर्ज को अलग खातों में रख दिया जाता है,         

68607 करोड़ बैंक कर्ज माफ़ी मामले में कांग्रेस के आरोपों पर  सरकार का जवाब


 मेहुल चोकसी बैंक कर्ज के केस  – वित्त मंत्री ने मेहुल चोकसी केस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने बड़ा ऐक्शन लेते हुए चोकसी की 1936 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अटैच किया है. इसमें 67.9 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति भी शामिल है. इसके अलावा 597.75 करोड़ की प्रॉपर्टी को सीज करते हुए मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी इश्यू किया जा चुका है.चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ को एक अर्जी भेजी जा चुकी है. इसके अलावा उसे भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया भी जारी है 

                   

 विजय माल्या बैंक कर्ज केस अब तक माल्या की करीब 8040 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया गया है. इसके अलावा 1693 करोड़ रुपये के शेयर भी जब्त किए जा चुके हैं. विजय माल्या को भगोड़ा घोषित करते हुए प्रत्यर्पण की अर्जी दी गई है.  


 हीरा व्यापारी नीरव मोदी बैंक कर्ज केस हीरा व्यापारी नीरव मोदी की करीब 2387 करोड़ रुपये की संपत्ति को भी सरकार ने अटैच या सीज किया है. नीरव मोदी की जिन संपत्तियों को सरकार ने अटैच या सीज किया है, उसमें 961.47 करोड़ की विदेशी संपत्ति भी शामिल है. उन्होंने कहा कि देश छोड़कर भागा नीरव मोदी फिलहाल यूके की एक जेल में है.                              
 बैंक कर्ज माफ़ी विवाद की शुरुवात रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दी गई एक जानकारी सामने आई है. आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने सूचना का अधिकार कानून के तहत देश के केंद्रीय बैंक से 50 विलफुल डिफाल्टर्स(विलफुल डिफाल्टर उन कर्जदारों को कहते हैं जो सक्षम होने के बावजूद जानबूझकर कर्ज नहीं चुका रहे) का ब्योरा और उनके द्वारा लिए गए कर्ज की 16 फरवरी तक की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी. दी गई जानकारी के मुताबिक, देश के बैंकों ने 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया.आरबीआई ने बताया कि इस राशि (68607 करोड़ रुपये) में बकाया और टेक्निकली या प्रूडेंशियली 30 सितंबर, 2019 तक बट्टा खाते में डाली गई रकम है.
 राहुल गाँधी के बैंक कर्ज माफ़ी पर आरोप –राहुल गांधी ने सरकार पर बड़े बैंक डिफॉल्टर के नामों को छिपाने का आरोप लगाया. संसद में अपने पूछे गए प्रश्न का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के मित्रों के नाम बैंक चोरों के लिस्ट में डाल दिए हैं. वहीं, कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बैंक लुटेरों द्वारा पैसा लूटो-विदेश जाओ-लोन माफ कराओ ट्रैवल एजेंसी का पर्दाफाश! ‘भगोड़ों का साथ-भगोड़ों का लोन माफ’ बन गया है भाजपा सरकार का मूलमंत्र.’ 
 अंत में बैंक लोन को बट्टे खाते में डालने की प्रकिर्या एक सामान्य बैंकिंग प्रकिर्या है ,जो बैंको को अपनी सुविधा के लिए R B I की गाइड लाइन में दी गयी है। कांग्रेस द्वारा इसी राजनैतिक  मुद्दा बनाने का एक  प्रयास किया जा रहा है , जिसको असफल करने के लिए आज स्वयं वित मंत्री  मैदान में उत्तरी और एक के बाद एक 13 ट्वीट कर इस पर सरकार का पक्ष  रखा और बहुत हद तक वो इसमें सफल भी रही है। 

                                                                                                                   

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