कोरोना वायरस पर भारी पड़ रही है इमोला की दवा रेमडेसिविर (Remdesivir) मरीजों पर हो रहा है जादुई असर
कोरोना वायरस पर भारी पड़ रही है इमोला की दवा रेमडेसिविर ( REMDESIVIR ) मरीजों पर हो रहा है जादुई असर.
अमेरिका के डॉक्टर एंथनी फॉउसी
कोरोना पर परीक्षण और रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा की सफलता – कोरोना महामारी से कराह रहे अमरीका से आज उत्साह वर्धक और सुकून भरी खबर आयी है। आज अमेरिका के वैज्ञानिकों ने कहा है कि. कोरोना पर दवा के परीक्षण में रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा की सफलता से कोरोना को हराने के लिए हमें नई उम्मीद मिल गई है. जिस रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा को इबोला को खत्म करने के लिए बनाया गया था, वह कोरोना वायरस के मरीजों को ज्यादा जल्दी ठीक कर रही है ,यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार डॉ. एंथनी फाउसी ने भी इस दवा की तारीफ की है. उन्होंने कहा है की इस दवा की बदौलत कोरोना मरीज 31 फीसदी ज्यादा तेजी से ठीक हो रहे हैं. वाकई में जादुई दवा है. इसकी वजह से मरीजों का जल्दी ठीक होना मतलब हम इस दवा को उपयोग ज्यादा से ज्यादा कर सकते है डॉ एंथनी फॉउसी ने यह बात व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के सामने मीडिया से कही.
कोरोना पर परीक्षण और रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा की सफलता पर अमेरिकी डॉ फॉउसी का दावा -अमेरिका ने कुछ दिन पहले इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था. जिसके परिणाम अब सामने आए हैं. डॉ.फॉउसी ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिविर दवा का मरीजों के ठीक होने के समय में बहुत स्पष्ट, प्रभावी और सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. (डॉ.एंथनी फाउसी ने कहा कि रेमडेसिविर दवा का अमेरिका, यूरोप और एशिया के 68 स्थानों पर 1063 लोगों पर ट्रायल किया गया है. जिसमें यह जानकारी मिली है कि यह दवा ज्यादा जल्दी कोरोना मरीजों को ठीक कर सकती है. ज्यादा तेजी से वायरस को रोक सकती है. इससे पहले अमेरिका के शिकागो शहर में कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार 125 लोगों को Remdesivir दवा दी गई थी, जिसमें से 123 लोग ठीक हो गए. रेमेडिसविर ने दुनिया भर के अस्पतालों में परीक्षण में लक्षणों की अवधि को 15 दिनों से घटाकर 11 दिन कर दिया है ।
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लेकिन वैज्ञानिक इसके अभी और परीक्षण की जरूरत महसूस कर रहे हैं। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि क्लिनिकल ट्रायल में मरीजों पर इस दवा का जल्द और अच्छा असर देखा गया है। साथ ही और परीक्षणों की आवश्यकता जताई है। रेमडेसिविर नाम की यह दवा एक दशक पहले इबोला वायरस पीड़ितों के इलाज के लिए बनाई गई थी।
अमेरिका के टेक्सास प्रांत के ह्यूस्टन मेथॉडिस्ट हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं के मुताबिक दवा के क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती चरण में ही दवा कोरोना पीड़ितों को दी गई है। इसके शुरुआती नतीजे उत्साहजनक रहे हैं।
विशेषज्ञ कैथरीन के पेरेज ने कहा है कि अभी समय महत्वपूर्ण है।और दवा के इस्तेमाल के नतीजे उत्साहजनक हैं.
.दवा के सभी जगह सकारात्मक असर दिखाने के संकेत हैं।न्यू इंग्लैंड जर्नल में प्रकाशित शोध पत्र के मुताबिक कोविड-19 पीडि़त व्यक्ति को जब यूएस सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की सलाह पर रेमडेसिविर दवा दी गई तो 24 घंटे के भीतर मरीज में सुधार के लक्षण दिखाई देने लगे।
रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा की खोज – Remdesivir दवा को इबोला के वैक्सीन के रूप में बनाया गया था. माना जाता था कि इससे किसी भी तरह का वायरस मारा जा सकता है. लेकिन ये दवा इबोला ट्रायल में फेल हो गयी थी
रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा का पहली बार निर्माण –अमेरिकी बायोफार्मास्युटिकल कंपनी गिलियड साइंसेज ने इबोला महामारी के दौरान रेमडेसिविर बनाई थी। हालांकि, अफ्रीका में इसके क्लीनिकल ट्रायल के दौरान निराशा हाथ लगी थी। खास बात ये है कि रेमडेसिविर को कभी किसी बीमारी के इलाज के लिए अप्रूव नहीं किया गया
कोरोना वायरस पर रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा का चीन में प्रयोग – चीन के वुहान में रोगियों के बीच सीमित प्रभाव पाया गया, जहां पिछले साल पहली बार बीमारी का पता चला था।। हालांकि चीन ने भी माना है कि रेमडेसिविर दवा कोरोना वायरस का असर आगे बढ़ने से रोकने में सक्षम है। वह इसी फैमिली के वायरस सार्स को निष्कि्रय करने में भी सहायक है.चीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे कारगर मानी जा रही दवा रेमडेसिविर को तभी पेटेंट कराने की कोशिश की थी जब वहां सबसे पहले इंसानों के बीच इसके फैलने की पुष्टि हुई थी हालांकि उसकी यह साजिश नाकाम रही थी.
चीन में रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा के कम असर पर इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा था कि इस दवा का असर कोरोना मरीजों पर कम हो रहा है.
डॉ फॉउसी की इस घोषणा के बाद पूरी दुनिया में एक सुकून और खुशी की लहर दौड़ गई है.