Sukhvinder Singh Sukhu ( सुखविंदर सिंह सुक्खू ) बने हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) के15वे मुख्यमंत्री। बस ड्राइवर के बेटे का हिमाचल के मुख्यमंत्री पद तक का सफर।

Sukhvinder Singh Sukhu

Sukhvinder Singh Sukhu

होली-लॉज-

40 साल तक हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) राजनीति में कांग्रेस का केंद्र जिसके इर्द गिर्द ही हिमाचल की राजनीति केंद्रित रहती थी आज वहा सन्नाटा पसरा है। 6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे स्व. वीरभद्र सिंह का निजी आवास जहां से वो मुख्यमंत्री रहते हुए हिमाचल की सता चलाते थे।वीरभद्र सिंह के निधन के बाद हिमाचल प्रदेश में ये पहले विधानसभा चुनाव है जिसमे कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है ।

प्रदेश कांग्रेस की अगुवाई वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह कर रही हैं लेकिन जब मुख्यमंत्री पद की बारी आयी तो बाजी मार ले गए वीरभद्र सिंह के विरोधी गुट के दिग्गज नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय पंडित सुखराम के चेले सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu)

कहां जा रहा है की पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय पंडित सुखराम की हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh )का मुख्यमंत्री बनने का सपना वीरभद्र सिंह के कारण कभी पूरा नहीं हुआ लेकिन उनके चेले ने वीरभद्र सिंह परिवार से मुख्यमंत्री पद छिन लिया ।

Sukhvinder Singh Sukhu (सुखविंदर सिंह सुक्खू )

सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 26 मार्च 1964 को हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर ज़िले के नादौन तहसील के सेरा गाँव में हुआ था.

साधारण परिवार में जन्मे सुखविंदर सिंह सुक्खू के पिता रसील सिंह हिमाचल पथ परिवहन निगम शिमला में ड्राइवर थे.और माताजी संसार देवी गृहिणी।

चार भाई-बहनों में सुखविंदर सिंह सुक्खू दूसरे नंबर के हैं. उनके बड़े भाई राजीव सेना से रिटायर हैं. उनकी दो छोटी बहनों की शादी हो चुकी है.

. Sukhvinder Singh Sukhu ( सुखविंदर सिंह सुक्खू ) ने एलएलबी तक की पढ़ाई की है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू की शादी 11 जून 1998 को कमलेश ठाकुर से हुई. उनकी दो बेटियां हैं जो दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रही हैं.

Sukhvinder Singh Sukhu(सुखविंदर सिंह सुक्खू ) का राजनैतिक सफर

राजनीतिक पारी की शुरुआत सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई (NSUI) से की वह शिमला के संजौली कॉलेज में क्लास रिप्रेजेंटेटिव और स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के महासचिव चुने गए.

इसके बाद वो राजकीय महाविद्यालय संजौली में स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए. यहाँ उन्होंने युवा छात्रों के बीच अपनी जबर्दस्त पकड़ बनाई. उसके बाद वह धीरे-धीरे एक मज़बूत युवा नेता के रूप में उभरते चले गए।

अपनी बेबाकी के लिए मशहूर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 1988 में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष का पद सँभाला .इसके बाद 1995 में उन्हें युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव का पद दिया गया।

सुखविंदर सिंह सुक्खू 1998 से 2008 तक लगातार दस साल, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे.अपने राजनीतिक जीवन के दौरान वो दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद भी बने.

2003 में उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और वह पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पहुँचे.इसके बाद 2007, 2017 और अब 2022 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक चुने गए. लेकिन साल 2012 विधानसभा चुनाव में उनकी हार हुई

Sukhvinder Singh Sukhu( सुखविंदर सिंह सुक्खू ) 8 जनवरी 2013 को हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh)कांग्रेस के अध्यक्ष बनाये गए।

प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अपनी बेबाकी और स्पष्टवादिता के कारण वह अपनी सरकार और कांग्रेस के छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से विभिन्न मुद्दों पर असहमति जताते रहे।

क़रीब छह साल तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. इस दौरान वो संगठन की मजबुती पर ध्यान केंद्रित करते रहे . लेकिन 2017-18 के चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के बाद 10 जनवरी 2019 को अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने उनको अप्रैल 2022 में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष और टिकट वितरण कमिटी का सदस्य बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी.

हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री के रूप में Sukhvinder Singh Sukhu (सुखविंदर सिंह सुक्खू ) के नाम पर मोहर –

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना बेहतर प्रदर्शन करते हुए कुल 68 सीटों पर हुए चुनाव में 40 सीटो पर बाजी मार ली

केंद्रीय पर्यवेक्षकों की टीम ने विधायकों की राय शुमारी से सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर मोहर लगा दी 68 में से 21विधायकों ने सुखविंदर सिंह सुक्खू का खुलकर समर्थन किया और कई अन्य विधायकों ने आला कमान के फैसले पर स्वीकृति दी।

(Gujarat Election) गुजरात चुनाव में 92 सीटों पर जीत का दावा लिखकर देने वाले केजरीवाल की APP( आम आदमी पार्टी )128 सीटों पर जमानत जब्त करवा बैठी. https://newsjanhit.com/2022/12/gujarat-election-aap-kejriwal-bjp.html

राजपूत जाति से ताल्लुक रखते हैSukhvinder Singh Sukhu ( सुखविंदर सिंह सुक्खू )

इससे पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के डॉ यशवंत सिंह परमार, ठाकुर रामलाल और वीरभद्र सिंह. तीन मुख्यमंत्री रहे है और ये तीनों ही राजपूत जाति से ताल्लुक रखते थे.

इस बार भी कांग्रेस ने राजपूत जाति से ही ताल्लुक रखने वाले सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला किया है.

2011 की जनगणना के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की 50.72 प्रतिशत आबादी सवर्णों की है. इनमें से 32.72 फ़ीसदी राजपूत और 18 फ़ीसदी ब्राह्मण हैं. 25.22 फ़ीसदी अनुसूचित जाति, 5.71 फ़ीसदी अनुसूचित जनजाति, 13.52 फ़ीसदी ओबीसी और 4.83 प्रतिशत अन्य समुदाय से हैं.

हिमाचल सरकार : https://himachal.nic.in/en-IN/

बीबीसी हिंदी

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