लेह में घायल सैनिको से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात की तस्वीरों पर छिडे विवाद पर,सेना ने दिया जवाब .
भारत चीन सीमा पर हुए संघर्ष के बाद भारत और चीन की सेनाये लद्दाख सीमा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को लगातार बढ़ा रही है ,हालाकी दोनों देश तनाव कम करने तथा स्थिति सुधारने के लिए लगातार बातचीत का दौर जारी रखे हुए है.
इसी तनाव के बीच भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लेह जाकर सबको चौका दिया।घटना के 17 दिन बाद भारत के प्रधानमंत्री का इस तरह से अचानक उस क्षेत्र में जाना बड़ी बात माना जा रहा है.लेह जाकर उन्होंने सेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाक़ात की और हालात का जायज़ा लिया।
इसके बाद प्रधानमंत्री घायल जवानों से मुलाक़ात करने हॉस्पिटल भी गए व वहां जाकर उनका हालचाल जाना और उनसे कुछ बातें भी साझा कीं. प्रधानमंत्री ने इस मुलाक़ात और बातचीत का वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया.तथा इस मुलाकात की फोटो को बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया गया है।
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ट्विटर पर फोटो शेयर करते ही बहुत से लोगो ने घायल जवानो को रखने के स्थान पर लेकर मोदी जी पर अंगुली उठानी शुरू कर दी व इस मुलाकात को फोटो सेशन का मौक़ा करार दिया।
घायल जवानो को रखने के स्थान को लेकर शोसल मीडिया में पिछले 2 दिन से तरह तरह की बाते फैलायी जा रही है. शनिवार को #MunnaBhaiMBBS कुछ देर के ट्विटर पर टॉप ट्रेंड रहा.
ट्विटर यूज़र @aartic02 ने लिखा, “देश से इतना बड़ा धोखा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लेह यात्रा के दौरान महज फ़ोटो के लिए कॉन्फ़्रेंस रूम को अस्पताल में तब्दील कर दिया गया.”
फेसबुक पर भी मनमोहन सिंह और नरेंदर मोदी की तुलना की जा रही है,मोदी जी का विरोध करने वालो को जैसे ही मौका मिला इसका तुलनात्मक अध्यन शुरू कर दिया।
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इस सारे विवाद के बीच सेना ने एक बयान जारी कर कहा है-“तीन जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने जिस अस्पताल का दौरा किया था उसे लेकर कई तरह की बातें चल रही हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे बहादुर जवानों का जिस तरह ख़याल रखा जा रहा है उस पर सवाल उठाए जा रहे हैं. यह स्पष्ट किया गया है कि जिस जगह का दौरा प्रधानमंत्री ने किया है वो जनरल हॉस्पिटल कॉम्प्लेक्स का क्राइसिस एक्सपैंशन है और इसमें 100 बेड हैं.”
“कोविड-19 प्रोटोकॉल की वजह से अस्पताल के कुछ वार्ड को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया है. इसलिए यह हॉल जो आमतौर पर ऑडियो-वीडियो ट्रेनिंग हॉल के तौर पर इस्तेमाल होता था उसे एक वार्ड में बदल दिया गया है. जब से अस्पताल को कोविड ट्रीटमेंट के लिए अलग कर दिया गया. गलवान से आने के बाद से घायल सैनिक यहां रखे गए थे और क्वारंटीन किए गए थे. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और आर्मी कमांडर ने भी इसी जगह का दौरा किया था और जवानों से मुलाक़ात की थी.”
आपको बता दे की सेना प्रमुख ने 23 जून को इसी जगह का दौरा किया था और जवानों से मुलाक़ात की थी. इसकी तस्वीर भी भारतीय सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर की गई थी।