CBSE के 10वी और 12वी के बचे हुए पेपर रद्द,12वी के छात्रों के पास दो विकल्प होंगे.
कोरोना के कारण 10 वी और 12वी की बचीं परीक्षाए ना करवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर कई जनहित याचिकाओ पर आज सुनवायी थी।
सीबीएसई और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से सॉलिसिटर जेनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा
और दिल्ली,ओडिशा और महाराष्ट्र सरकार की ओर से परीक्षा न कराए जाने की याचिका पर वकील ऋषि मल्होत्रा ने
अपना पक्ष रखा।
कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए CBSE ने इस साल के लिए 1 जुलाई से शुरू होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं रद्द करने के अपने इस निर्णय की जानकारी दी है .
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने ये भी बताया है कि अब किस आधार पर स्टूडेंट्स को अंक दिए जाएंगे और रिजल्ट तैयार किए जाएंगे।
10वीं कक्षा का परिणाम –
10वीं कक्षा का इंटरनल असेसमेंट से रिजल्ट तैयार किया जायेगा।
12वीं कक्षा का परिणाम-
12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स के पास दो विकल्प होंगे उन्हें स्कूल में हुए पिछली तीन परीक्षाओं में उनके परफॉर्मेंस के आधार पर अंक दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्हें कुछ महीने बाद होने वाली इंप्रूवमेंट परीक्षा में शामिल होने का भी विकल्प दिया जाएगा। स्टूडेंट्स चाहें तो इंप्रूवमेंट एग्जाम देकर अपना रिजल्ट और बेहतर कर सकेंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ बैठक में बोर्ड के अधिकारियों ने कहा था कि 10वीं कक्षा का इंटरनल असेसमेंट से रिजल्ट तैयार करना आसान है।
लेकिन 12वीं कक्षा के मामले में इस तरह रिजल्ट तैयार करने में दिक्कत आएगी। क्योंकि 12वीं कक्षा के आधार पर ही आईआईटी, मेडिकल समेत कई अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला होता है। स्कूल के इंटरनल असेसमेंट में कई होनहार छात्र भी पीछे हो सकते हैं।इसलिए इंप्रूवमेंट एग्जाम का विकल्प और दिया गया ताकी होनहार student के साथ कोई अन्याय ना हो .
गौरतलब है कि फरवरी-मार्च में चल रही परीक्षाएं कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थीं। बची परीक्षाए सीबीएसई ने 1 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक कराए जाने की बात कही थी। इसके लिए विस्तृत डेटशीट भी जारी कर दी गई थी। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं कि परीक्षाएं रद्द की जाएं। इसमें कई राज्य सरकारें भी इस पक्ष में थीं की परीक्षाएं रद्द की जाएं। जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवायी थी ,जिस में बोर्ड के इस निर्णय के बारे में जानकारी दी गयी .