योगी सरकार का फर्जी शिक्षक मामले में सख्त एक्शन,उतर प्रदेश में1427फर्जी शिक्षकों से 900 करोड़ रूपये वसूलने व उन पर मुकदमा चलाने का आदेश.




गुरु गोविन्द दोऊ खड़े,काके लागूं पाए I 
बलिहारी गुरु आपने,गोविन्द दियो बताय ||

  जिस भारतीय संस्कृति में गुरु को गोविन्द भी पुज्यनीय मानते है ,उसी भारतीय संस्कृति में गुरु फर्जीवाड़े के आरोपों से घिर जाये वो भी एक नहीं सैकड़ो  की संख्या में तो ये समाज के लिये बहुत ही गहरायी से सोचने वाली बात होगी की जिसकी नीव ही बेईमानी पर टिकी होगी वो स्वस्थ और जिम्मेदार समाज का निर्माण कैसे कर सकता है।
 इसी बात पर UP के मुख्यमंत्री योगी जी जो अपने सख्त फैसलों के लिए जाने जाते है ने इन फर्जी समाज के निर्माताओं अथार्थ उन 1427 शिक्षको पर बहुत सख्ताई से एक्शन लेते हुए इनसे 900 करोड़ की वसूली करने का आदेश दिया है,तथा इनमें से 930 की सेवा समाप्त कर दी गई है जबकि 497 के खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया है व बहुत से शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है।  इस फर्जीवाड़े में शामिल विभाग के व इनको मदद पहुंचाने वाले बाहरी लोगो पर भी सरकार बहुत जबरदस्त एक्शन लेने के मुंड में है।

  अनामिका शुक्ला के नाम पर प्रदेश में 24 नियुक्तियो व सरकारी खजाने से तनख्वाह उठाने की जांच एसटीएफ के द्वारा करने पर ये बड़े बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं ,ये सभी फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज पर नौकरी कर रहे थे।

 आगरा के डॉ. भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिर्टी में बीएड की फर्जी डिग्री मिलने के बाद से STF जांच में लगी थी। यहां पर एसटीएफ को करीब साठ प्रतिशत फर्जी डिग्री मिलने के बाद से सनसनी फैल गई। इन्हीं फर्जी डिग्री की मदद से प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग शिक्षक बनकर सरकारी स्कूलों में पहुंचे।
एक-एक फर्जी शिक्षक को करीब 60-60 लाख सरकारी खजाने में जमा कराना पड़ेगा, जो उन्होंने बतौर वेतन सरकार से लिया था।
इनमें से 117  ऐसे हैं जो 50 करोड़ से ज्यादा की तनख्वाह ले चुके हैं। यह सभी एटा के हैं, जहां से अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आया था। इन सभी फर्जी शिक्षकों को नोटिस जारी हो गया है और नोटिस मिलने के एक सप्ताह के भीतर पैसा जमा करने के लिए कहा गया है। निर्धारित समय में पैसा जमा नहीं होने पर इन पर सख्त कार्यवाही के आदेश दिए गए है।

 प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट  तीन जुलाई तक मांगी गई है।
आपको बता दे की  अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेसिक के साथ ही माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग से सभी शिक्षकों के शैक्षणिक रिकार्ड की जांच करने का आदेश दिया था ,जिसके बाद विभाग में ये फर्जीवाड़े सामने आ रहे है।

 बेसिक शिक्षकों के वेतन संबंधी अभिलेखों की भी  जांच कि जा  रही है इसके साथ परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों का डाटा मानव सम्पदा पोर्टल और प्रेरणा एप पर अपलोड करने के बाद प्रदेश में सैकड़ों शिक्षक ऐसे सामने आए हैं। जिन्होंने पैन नंबर बदल कर वेतन भुगतान में फर्जीवाड़ा किया है। बाराबंकी में भी शैक्षिक अभिलेखों की जांच में पांच शिक्षक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के मामले मिले हैं, जिसमें एक ही पैन नंबर पर अलग-अलग नाम दर्ज हैं। केवल उनका खाता नंबर अलग है।
 इन सभी को नोटिस देकर कार्यालय में अपना पक्ष रखने के लिए निर्देशित किया गया है।

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