भारत में तैयार चीन से सस्ती कोरोना (COVID 19) टेस्ट किट

    भारत में तैयार चीन से सस्ती कोरोना (COVID 19) टेस्ट किट 

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कोरोना महामारी और टेस्ट किट –कोरोना से लड़ने के लिए सबसे पहला हथियार है कोरोना की जांच करने वाली टेस्टिंग किट,क्योकि कोरोना बीमारी अपने विभिन्न प्रकार के रंग दिखा रही है,शुरुवाती 7 से 8 दिन तक तो कोई भी कोरोना की जांच के बिना लक्षण देख कर नहीं बता सकता की कोरोना है या सामान्य जुकाम / बुखार।

 

                                                       कोरोना पर अन्य जानकारी       

चीन और टेस्ट किट – चीन से फैली इस बीमारी का चीन भरपूर फायदा उठाने की कोशिश करता रहा है,शुरुवात में वो इसमें कामयाब भी रहा क्योकि सम्पूर्ण विश्व के लिए कोरोना एक बिल्कुल नयी बीमारी थी,जिस पर गहनता से अध्यन भी नहीं हो पाया था की पूरा विश्व इसकी चपेट में आ गया। चीन से शुरू इस महामारी पर चीन ने जानकारीया सबसे छिपाई और अंदर हीअंदर इस पर शोध करता रहा,और इससे निपटने की तैयारी करता रहा। जबकि जानकारीओ  के अभाव  में कोई भी अन्य देश इससे निपटने की तैयारी नहीं कर पाया आज विश्व के सबसे संम्पन देश इस की चपेट में सबसे ज्यादा है।

 चिकित्सा क्षेत्र में सबसे अग्रणी देश भी कोरोना संक्रमण फैलने पर इससे निपटने वाले साधनो के लिए शुरुवाती दौर में चीन पर निर्भर हो गए थे।  

  भारत और टेस्ट किटभारत में जैसे ही कोरोना ने दस्तक दी सरकार ने तत्परता से इससे निपटने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिये ,इस पर रिसर्च पर जोर दिया जाने लगा,कोरोना की पहचान के लिए सबसे पहले इसकी जांच किट की जरुरत महसूस की गयी ,आनन फानन में चीन से इन जांच किट को मंगवाया गया। देश में भी जांच किट को कोरोना लड़ाई का मुख्य हथियार मान कर इन्हे विकसित करने पर जोर दिया गया।

चीन से आयातित रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट की गुणवत्ता घटिया -जैसा की सर्व विदित है,चीन ऐसे मौको का नाजायज फायदा उठाता है सो उसने विश्व के कई देशो में घटिया सामान भेजना शुरू कर दिया जिसमे भारत भी शामिल है ,भारत को भेजी गयी टेस्ट किट की दुसरी खेप में ज्यादातर खराब और गलत रिजल्ट देने वाली निकली और चीन से आयातित रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे ,लेकिन भारत के लिए राहत की बात ये है की अब भारत में ही चीन से सस्ती और उनसे बेहतर और जल्दी रिजल्ट देने वाली किट बननी शुरू हो गयी है और जल्द ही भारत में जांच कीट की जरुरत लगभग पूरी हो जाएगी ,जिससे भारत  जांच की प्रक्रिया को तेजी कर कोरोना के खतरे को कम करने में सफल रहेगा 

               भारत में कोरोना टेस्टिंग किट बनाने वाली कम्पनीया 

  एचएलएल हेल्थकेयर की टेस्ट किट – ये एक सरकारी कंपनी है जो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आती है और ये मानेसर गुरुग्राम में स्थित है ये अब तक तक करीब एक लाख किट बना चुकी है। कंपनी ने इसे मेक श्योर नाम दिया है। कंपनी के एक अधिकारी बताया कि अभी इन किट का जांच में इस्तेमाल नहीं हुआ है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की अनुमति के बाद ही आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। 

एसडी बायोसेंसर दक्षिण कोरियाई कंपनी की टेस्ट किट- गुरुग्राम के मानेसर में स्थित इस कंपनी ने  बुधवार तक दो लाख रैपिड एंटीबॉडी जांच किट बना ली थी । कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि एक दिन में 1लाख किट बनाने की क्षमता है। ज़रूरत पड़ने पर इसे तीन लाख तक बढ़ाया जा सकता है। कंपनी ने हाल में 25 हजार किट हरियाणा सरकार को मुहैया कराई हैं, बाकी किट भी विभिन्न राज्यों में जल्द भेजी जाएंगी। ये जांच किट चीन की किट के मुकाबले 400 रुपए सस्ती है। कंपनी के मुताबिक, उनकी कंपनी की एक किट की कीमत करीब 380 रुपए है। हरियाणा सरकार ने चीनी किट का ऑर्डर रद्द कर अब बायोसेंसर से ही किट लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि कंपनी का एक महीने में लगभग एक करोड़ रैपिड टेस्ट किट तैयार करने का लक्ष्य है। आने वाले कुछ दिनों में 10 से 12 लाख टेस्ट किट तैयार हो जाएंगे  

 स्ट्रीप तकनीक की टेस्ट किट –बीएचयू ने जांच की स्ट्रीप तकनीक की खोज की है। यहआरटी-पीसीआर किट की तकनीक है। शोधकर्ताओं का दावा है कि इससे जांच रिपोर्ट छह घंटे के भीतर मिल जाएगी। विज्ञान संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ मॉलीकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स की प्रो. गीता ने इसे अपने लैब में शोध छात्राओं की मदद से तैयार किया है।

यह तकनीक एक ऐसे अनोखे प्रोटीन सिक्वेंस को लक्ष्य करती है जो सिर्फ कोविड-19 में मौजूद हैं। इसमें गलत रिपोर्ट आने की संभावना न के बराबरहै ।एक कंपनी ने इसका उत्पादन करने में दिलचस्पी दिखाई है लेकिन अभी आईसीएमआर के जवाब का इंतजार है।

   डायग्नोस्टिक फर्म माइलैब्स की टेस्ट किट – ये कंपनी आरटी-पीसीआर किट का निर्माण कर रही है।इस एक किट से करीब 100 टेस्ट किए जा सकते हैं और प्रति टेस्ट के लिए 1200 रुपए का खर्च आता है। वहीं, विदेशी किट की लागत 4,500 रुपए के आसपास बैठती है। कंपनी अभी 1.25 लाख से 1.50 लाख किट का उत्पादन कर रही है। जबकि कंपनी की उत्पादन क्षमता 2.5 लाख से 4 लाख तक की है। कंपनी के अनुसंधान और विकास प्रमुख मीनल दखावे भोसले ने देश की इस पहली कोविड-19 टेस्ट किट को तैयार किया है। ये किट ढाई घंटे में परिणाम दे देती है ,जबकी बाहर से मंगायी गयी किट 6 से 7घंटे में अपना परिणाम देती है। 23 मार्च को आईसीएमआर से उत्पादन की अनुमति मिलने के बाद कंपनी अब तक दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना सरकार को किट की आपूर्ति कर चुकी हैं 

अगले महीने से भारत 20 लाख टेस्ट किट बनाएगा

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत मई से करीब 20 लाख टेस्टिंग किट हर महीने बनाने में सक्षम होगा। इनमें से 10 लाख रैपिड एंटीबॉडी जबकि 10 लाख आरटी-पीसीआर किट होंगी।   

   

         

   जब तक बहुत जरुरी ना हो तब तक बाहर ना निकले, घर पर रहे  सतर्क रहे ,स्वस्थ रहे 

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