कोरोना क्या है

 कोरोना को जाने (covid 19)

  1.कोरोना वायरस -एक निर्जीव कण है जिस पर चर्बी की  सुरक्षा-परत चढ़ी हुई होती है। यह कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिये इसे मारा नहीं जा सकता बल्कि यह ख़ुद ही रेज़ा-रेज़ा (कण-कण) होकर ख़त्म होता है. 2.विघटन  का समय – कोरोना वायरस के विघटन की मुद्दत का दारोमदार, इसके आसपास कितनी गर्मी या नमी है? या जहाँ ये मौजूद है, उस जगह की परिस्थितियां क्या हैं? इत्यादि बातों पर निर्भर करता है। 3. 20 सेकेण्ड हाथ धोने  पर- कोरोना वायरस बहुत कमज़ोर होता है। इसके ऊपर चढ़ी चर्बी की सुरक्षा-परत फाड़ देने से यह ख़त्म हो जाता है। ऐसा करने के लिये साबुन या डिटर्जेंट के झाग सबसे ज़्यादा प्रभावी होते हैं। 20 सेकंड या उससे ज़्यादा देर तक साबुन/डिटर्जेंट लगाकर हाथों को रगड़ने से इसकी सुरक्षा-परत फट जाती है और ये नष्ट हो जाता है। इसलिये अपने शरीर के खुले अंगों को बार-बार साबुन व पानी से धोना चाहिये, ख़ास तौर से उस वक़्त जब आप बाहर से घर में आए हों। 4 गर्म  पानी – गर्मी चर्बी को जल्दी पिघला देती है। इसके लिये कम से कम 25 डिग्री गर्म (गुनगुने से थोड़ा तेज़) पानी से शरीर के अंगों और कपड़ों को धोना चाहिये। छींकते या खाँसते वक़्त इस्तेमाल किये जाने वाले रुमाल को 25 डिग्री या इससे ज़्यादा गर्म पानी से धोना चाहिये।  सब्ज़ियों को भी पकाने से पहले 25 डिग्री तक के पानी में डालकर धोना चाहिये। 5.अल्कोहल  की मात्रा  –सैनीटाइजर में एल्कोहल की मात्रा 65 पर्सेंट से ज़्यादा होनी चाहिये तभी यह उस पर चढ़ी सुरक्षा-परत को पिघला सकता है, वरना नहीं। 6.ब्लीच  की मात्रा – स्प्रे बनाने  के लिए  पानी में ब्लीच की मात्रा 20% होनी चाहिये। ब्लीच में मौजूद क्लोरीन व अन्य केमिकल कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ देते हैं। इस ब्लीचिंग-युक्त पानी का उन सभी जगहों पर स्प्रे करना चाहिये जहाँ-जहाँ हमारे हाथ लगते हैं। टीवी के रिमोट, लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन को भी ब्लीचिंग-युक्त पानी में भिगोकर निचोड़े गये कपड़े से साफ़ करना चाहिये। 7.एंटीबायोटिक  का असर – कीटाणु सजीव होते हैं इसलिये उनको एंटीबायोटिक यानी कीटाणुनाशक दवाओं से ख़त्म किया जा सकता है लेकिन वायरस निर्जीव कण होते हैं, इन पर एंटीबायोटिक दवाओं का कोई असर नहीं होता। यानी कोरोना वायरस को एंटीबायोटिक दवाओं से ख़त्म नहीं किया जा सकता। 8.तंदुरुस्त त्वचा से कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता। अगर त्वचा पर कहीं कट लगा है या घाव है तो इसके संक्रमण की संभावन 9. सिरका कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को नहीं तोड़ सकता। इसलिये सिरका वाले पानी से हाथ-मुंह धोने से कोई फ़ायदा नहीं है।                                                                                                                                                                                                                अनुमानित समयावधि 

  ० कपड़ों पर : तीन घण्टे तक
  ० तांबा पर : चार घण्टे तक
  ० कार्डबोर्ड पर : चौबीस घण्टे तक                                                                                          अन्य धातुओं पर : 42 घण्टे तक
  ० प्लास्टिक पर : 72 घण्टे तक
इस समयावधि के बाद कोरोना वायरस ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है। लेकिन इस समयावधि के दौरान किसी इंसान ने उन संक्रमित चीज़ों को हाथ लगाया और अपने हाथों को अच्छी तरह धोये बिना नाक, आँख या मुंह को छू लिया तो वायरस शरीर में दाख़िल हो जाएगा और एक्टिव हो जाएगा।
उपरोक्त चीजों को हवा में हिलाने या झाड़ने से कोरोना वायरस हवा में फैल सकता है। कोरोना वायरस हवा में तीन घण्टे तक रह सकता है, उसके बाद ये ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है।

                                             कोरोना के लिए मददगार माहौल                                                          कोरोना वायरस क़ुदरती ठण्डक या AC की ठण्डक में मज़बूत होता है। इसी तरह अंधेरे और नमी (Moisture) वाली जगह पर भी ज़्यादा देर तक बाक़ी रहता है। यानी इन जगहों पर जल्दी विघटित नहीं होता। सूखा, गर्म और रोशनी वाला माहौल कोरोना वायरस के जल्दी ख़ात्मे में मददगार है। इसलिये जब तक इसका प्रकोप है तब तक AC या एयर कूलर का इस्तेमाल न करें।

                                                गर्मी व  सूरज  की तेज धुप  का असर 

सूरज की धूप में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें कोरोना वायरस को तेज़ी से विघटित कर देती है यानी तोड़ देती है क्योंकि सूरज की तेज़ धूप में उसकी सुरक्षा-परत पिघल जाती है। इसीलिये चेहरे पर लगाए जाने वाले फेसमास्क या रुमाल को अच्छे डिटर्जेंट से धोने और तेज़ धूप में सुखाने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।                                   

  आज जब पूरा विश्व इस महामारी से कराह रहा है  और तमाम प्रयासों के बाद भी  कोई प्रमाणित दवाई अभी तक उपलब्ध  नहीं हो पायी  है ,ऐसे में घर पर रह कर ही इस अदृश्य महा दानव को मात दी जा सकती  है ,जहा तक संभव  हो घर पर ही रहे।    क्योकि अभी तक इस महामारी  की कोई प्रमाणित औषधि नहीं बनी है  फिर भी बचाव ही उपचार के  सिद्वांत  को अपनाते हुए आयुर्वैदिक उपचार सिद्वांत में अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर इस रोग से  बचा जा सकता है ,इस के लिए आयुष मन्त्रालय ने  घरेलु उपाय बताये  है। 

कोरोना क्या है

                                           


    

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