लोक डाउन में धारा188

                                   महामारी एक्ट  (Epidemic Disease Act 1897 ) 

  ये कानून आज से 123 साल पहले साल 1897 में बनाया गया था, जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था। तब बॉम्बे में ब्यूबॉनिक प्लेग नामक महामारी फैली थी। जिस पर काबू पाने के उद्देश्य से अंग्रेजों ने ये कानून बनाया था ।इस  कानून का  उदेश्य महामारी वाली खतरनाक बीमारियों को फैलने से रोकना है। 

                  कोरोना के कारण  लोक डाउन (धारा 188 )                                                                             भारत में कोरोनावायरस से लड़ने के लिए सरकार महामारी एक्ट(Epidemic Act) की मदद ले रही है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसके लिए निर्देश दिया गया है।इसी कानून में प्रावधान किया गया है कि अगर लॉकडाउन में सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो उस पर भारतीय दंड संहिता (IPC – Indian Penal Code) की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।                                
                                         188 धारा, सेक्शन 3                                              1897 के महामारी कानून (Epidemic Disease Act) के सेक्शन 3 में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई प्रावधानों का उल्लंघन करता है, सरकार / कानून के निर्देशों / नियमों को तोड़ता है, तो उसे आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है।                                                                                                                        सरकारी कर्मचारी  के निर्देशों के उल्लघन पर धारा 188                           इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी आपके खिलाफ ये धारा लगाई जा सकती है।यहाँ तक कि किसी के ऊपर ये धारा लगाने व कानूनी कार्रवाई करने के लिए ये भी जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़े जाने से किसी का नुकसान हुआ हो या नुकसान हो सकता हो। अगर आपको सरकार द्वारा जारी उन निर्देशों की जानकारी है, फिर भी आप उनका उल्लंघन कर रहे हैं, तो भी आपके ऊपर धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

                                    IPC की धारा 188 के तहत सजा के दो प्रावधान                       1.अगर आप सरकार या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं, या आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है, तो आपको कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।                                                      2 .अगर आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है, तो आपको कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।

क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CRPC 1973) के पहले शेड्यूल के अनुसार,दोनों ही स्थिति में जमानत मिल सकती है और कार्रवाई किसी भी मैजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।                                                                बहुत से राज्यों ने मास्क ना लगाने पर भी धारा 188  में सजा व जुर्माने का प्रावधान किया है। 

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