कोरोना या चायनीज वायरस

कोरोना या चाइना वायरस                                                                                                                                                                                                                       

                        

 कोरोना या चाइना वायरस- कोविड-19 ये नाम पुरा विश्व आने वाले दसको तक याद रखेगा, जिसने पुरे विश्व में  मानव जाति और अर्थव्यवस्था की जड़े तक हिला दी है , यु तो महा मारीया  मानव जाति के साथ जन्म मरण का खेल  मानव जाति के जन्म से ही खेलती रही है , लेकिन आज जब इंसान प्रकृति की बनाई हर रचना तक पहुँचने की कोशिश कर रहा है,व् कुछ में सफल भी हो चुका है इतनी प्रगति के बाद भी 3 महीने होने के बाद भी इसका कोई तोड़ मानव जाति द्वारा ना ढुँढ पाना ,ये संकेत करता है कि इस महामारी का जन्म प्रकृति ने तो नही किया, क्योकी प्रकृति अपनी रचना में इतनी क्रूरता का रंग कभी नही भर सकती.                                                         

आज पुरा विश्व लगभग इस वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा है, और चीन का रवैया भी उस पर शक करने का पुरा पुरा  मौका दे रहा है। सबसे पहले ये चीन से शुरू हुआ, कहाँ जाता है कि चमगादड़ का सुप इसका कारण है , लेकिन इस बात पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि ये सुप तो 20 से 25 सालो से चीनी पीते आये है,और चमगादड़ पर पूरी बायोलॉजी का रिसर्च है, अगर सच में ऐसा होता तो इसका इलाज अब तक सामने आ चुका होता। चाईना के अर्थशास्त्री और एक  भुत पूर्व सैन्य अधिकारी अपनी किताबो में इस खतरे पर पूर्वानुमान लगा चुके थे , की चीन प्रत्यक्ष रूप से अमेरिका से टक्कर लेने में सक्षम नही है। और चीन अपनी विस्तार वादी नीति की सनक में दूसरे विकल्प अपना सकता है /                                                                                                        

 आप देखिये, इस वायरस से सबसे ज्यादा नुक्सान युरोप में है, और ज्यादातर अमेरिका समर्थक देश ही इससे ज्यादा प्रभावित है,चाइना इससे प्रभावित है, लेकिन सिर्फ एक छोटे से  एरिया में , बाकि वुहान से 400 से 500 km बाद चीन बिल्कुल भी प्रभावित नही हुआ जबकि यूरोप के देश 8000 से 10000 km दूर होकर बुरी तरह प्रभावित है।ब्रिटेन में तो वैसे राज्य के वित् मंत्री तो अर्थव्यवस्था के हालात से इतने परेशान हुए की उन्होंने आत्महत्या तक कर ली।                                                                                                                                     

 ये बहुत ही खतरनाक संकेत है ,ये लगभग एक युद्ध का ही रूप है जो चीन vs अमेरिका के बीच है, चीन की विस्तार वादी नीति और पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर कब्जे की लालसा और अमेरिका का अपना कब्जा बरकरार रखने की लड़ाई है, आज पूरे विश्व के लोग चीन के लोगो और उनके सामान के खिलाफ ट्वीटर पर और अन्य सोशल मीडिया पर बहुत आक्रामक रुख अपनाए हुए है हर जगह चीन की बुराइ हो रही है , यूरोप के देशों ने तो चीन के साथ हुए समझौतों पर पुनः विचार की नीति तथा उससे होने वाले लाभ हानि पर विचार भी शुरू कर दिया है , ब्रिटेन तो आक्रामक रुख अख्तेयार किये हुए है। वीटो पाए 5 देश अमेरिका, फ़्रांस, ब्रिटेन, रूस, चीन में ब्रिटेन ने तो चीन के वीटो पावर वापस लेने व् कार्यवाही की मांग तक कर डाली है/                                                                           

 अमेरिका की एक कंपनी ने चीन पर दावा ठोक दिया है  व् कई कंपनीया इस पर क़ानूनी विचार कर रही है , चीन इन देशों के इस रूप को देख घबरा गया है , इस का ताजा उदहारण चीनी राजदूत द्वारा इस वायरस को चीनी वायरस ना कहने की भारत सरकार से अपील की है, आने वाला वक़्त चीन के लिए थोड़ा कठिन होने वाला है, भारत एक नयी ताकत बन उभरेगा, ये कयास विद्वानों द्वारा लगाए जाने लगे है , पुरे विश्व में एक मुहीम हा लाकि अभी प्रथम चरण में है की चाइना और उसके सामान का बहिष्कार चलने लगी है       

आइये हम भी इस मुहीम का हिस्सा बन इस मानव जाति के प्रतिं किये गए कुकर्म की सजा चाइना को दे , जहां तक हो सके चीन की वस्तुओं को अपने जीवन से निकाल दे, ये संपूर्ण मानव जाति और अपने देश के लिए एक बहुत बड़ा योगदान होगा 

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