नया मोटर अधिनियम क्या खोया क्या पाया
नए मोटर अधिनियम को लागु हुए अभी मात्र 12 दिन ही हुए है | जिस उत्साह से गडकरी जी ने इसे लागु किया था | उसी उत्साह से उन्ही की गुजरात राज्य सरकार ने इसे 50 से 90 प्रतिशत तक घटा कर इस अधिनियम पर विवाद खड़ा कर अपनी अंतिम सांसे ले रही कांग्रेस को
अमृत पान करवा दिया ,पी चिदंबरम के मुद्दे पर घिरी कांग्रेस को थोड़ा सा जनता का ध्यान हटाने का मौका मिल गया | देखना ये होगा की कांग्रेस इस बैठे बैठाये मिले मुद्दे को कितना भुना पाती है, बीजेपी जिस आत्म विश्वास से मोदी जी के भरोसे अपनी नीतियों को आगे बढ़ा रही थी ,उन्हें इस अधिनियम पर जनता से नोट बंदी वाले सहयोग की उम्मीद थी ,वरना 3 राज्यों के चुनावो के वक़्त इस प्रकार का रिस्क कभी भी ना लेती।
ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी ने इसे हल्के में लिया तो आने वाले वक़्त में इसका नुक्सान उठाना पड़ेगा | जिस प्रकार दिल्ली में सुषमा स्वराज जी सिर्फ 20 से 80 रूपए प्याज होने पर सता से बाहर हो गयी थीं।