उतर प्रदेश में अब गौ ह्त्या करना गैर जमानती अपराध घोषित,10साल और 5लाख तक के जुर्माने का प्रावधान,योगी सरकार का फैसला.


उतर प्रदेश में अब गौ ह्त्या करना गैर जमानती अपराध घोषित,10 साल और 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान,योगी सरकार का फैसला.

उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम,1955 दिनांक 6 जनवरी, 1956 को राज्य में लागू हुआ था और उसी साल इसकी नियमावली बनी थी,इस क़ानून में अब तक चार बार और नियमावली में दो बार संशोधन हो चुका है.


उतर प्रदेश केअपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कियोगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को यूपी गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी है.उन्होंने बताया की राज्य विधानमंडल का सत्र न होने की वजह से उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश,2020 लाने का फ़ैसला लिया गया है.

उतर प्रदेश में अब गौ ह्त्या करना गैर जमानती अपराध घोषित,10साल और 5लाख तक के जुर्माने का प्रावधान,योगी सरकार का फैसला.


इस अध्यादेश का मक़सद उत्तर प्रदेश गोवध निवारण क़ानून,1955 को और अधिक संगठित और प्रभावी बनाना तथा गोवंशीय पशुओं की रक्षा और गोकशी की घटनाओं से संबंधित अपराधों पर पूरी तरह से लगाम लगाना है .

उतर प्रदेश में अब गौ ह्त्या करना गैर जमानती अपराध घोषित,10साल और 5लाख तक के जुर्माने का प्रावधान,योगी सरकार का फैसला.


अध्यादेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू हो जाएगा .

 इसकी मुख्य विशेषताए निम्न है-     

   क़ानूनी सजा व जुर्माना

अब UP में गाय की हत्या करने पर 10 साल तक की सज़ा और 3 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.


दोबारा दोषी पाए जाने पर सजा भी दोगुनी करने का प्रावधान इस संशोधन में किया गया है.


गोवंश के अंग भंग पर सात साल की जेल व 3 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है .


कानुन में सजा न्युनतम सजा का प्रावधान-


मौजूदा कानून में गोवंश के वध या इस नीयत से तस्करी पर न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं है। अब गोकशी पर न्यूनतम 3 साल की सजा और न्यूनतम 3 लाख जुर्माना तय हो गया है .


वहीं,गोवंश को अंगभंग करने पर भी कम से कम 1 साल की सजा और 1 लाख का न्यूनतम जुर्माना होगा .

 अभियुक्तकी मोहल्ले-चौराहे पर लगेगी फोटो- 


 सरकार गोकशी या गोतस्करी के अभियुक्त की सार्वजनिक फोटो भी लगाएगी। अभियुक्त की तस्वीर जिसे मोहल्ले में वह सामान्यता निवास करता हो वहां किसी महत्वपूर्ण स्थान पर चस्पा की जाएगी। ऐसे किसी सार्वजनिक स्थल पर भी लगाई जा सकती है जहां वहां नियामक संस्थाओं और अधिकारियों से खुद को छिपाता फिरता हो। 


भरण-पोषण के खर्च की वसुली भी अभियुक्त से-


प्रस्तावित कानून के अनुसार अगर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा गोवंश जब्त किया जाता है तो एक साल तक उसके भरण-पोषण के खर्च की वसूली भी अभियुक्त से ही की जाएगी। 


मौजूदा कानून में गोवंश या उसके मांस को ढोने वाले वाहनों,उनके मालिकों या चालकों पर कार्रवाई को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी .

 अब जब तक वाहन मालिक साबित नहीं कर देंगे कि उन्हें वाहन में प्रतिबंधित मांस की जानकारी नहीं थी, वे भी दोषी माने जाएंगे। वाहन सीज कर दिया जाएगा।


 इस अधिनियम के तहत सभी अपराध गैर जमानती होंगे.

 इस अधिनियम के तहत सभी अपराध गैर जमानती होंगे.ये इस संशोधन की मुख्य विशेषता कही जा सकती है.


सरकार का कहना है कि कुछ जिलों में गोकशी की बढ़ती घटनाओं और जमानत पर छूटे लोगों द्वारा फिर गोकशी करने की घटनाओं को देखते हुए कानून को सख्त किया गया है। इससे गोवंशीय पशुओं के संरक्षण में मदद मिलेगी।

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