कोरोना इलाज के लिए रूस की दवाई स्पुतनिक-वी का भारत में उत्पादन शुरू
Sputnik V vaccine: रूसी वैक्सीन का भारत में उत्पादन
रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) या रूसी सॉवरन वेल्थ फंड ने भारत की कई फार्मास्यूटिकल कंपनियों- डॉ. रेड्डी लैब्स, ग्लैंड फार्मा, हीटीरो बायोफार्मा, पैनासिया बायोटेक, स्टेलिस बायोफार्मा और विर्को बायोटेक के साथ साल भर में 85 करोड़ से अधिक रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी का प्रोडक्शन करने के लिए समझौता किया है इसी समझौते के तहत आरडीआईएफ और पैनेसिया बायोटेक ने स्पुतनिक-वी का भारत में उत्पादन शुरू कर दिया है। भारत की पैनेसिया बायोटेक अब हर साल देश में 10 करोड़ डोज बना सकेगी।
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पहला बैच क्वालिटी चेक के लिए रूस भेजा जाएगा-
आरडीआईएफ ने एक बयान में कहा है की-बद्दी में पैनासिया बायोटेक द्वारा वैक्सीन को बनाए जाने के बाद पहला बैच क्वालिटी चेक (कंट्रोल्स)के लिए,स्पुतनिक वी को विकसित करने वाले रूस के इंस्टीट्यूट गैमेलिया को भेजा जाएगा
तथा सब कुछ उम्मीद के मुताबिक रहने पर अगले कुछ समय के बाद गर्मी के मौसम से वैक्सीन का भारत में फुल स्केल पर प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।पैनेसिया बायोटेक कई तरह की दवाओं और वैक्सीन की उत्पादन करती है। इसकी स्थापना 1984 में हुई थी और यह 1995 में पैनिसिया बायोटेक लिमिटेड के नाम से सूचीबद्ध हुई थी।
भारत में 12 अप्रैल को स्पूतनिक-वी मंजूरी मिली थी,जिसके बाद 14 मई से इसका इस्तेमाल भी शुरू कर दिया गया है।
चिकित्सा क्षेत्र की प्रमुख पत्रिका लैंसेट के अनुसार स्पुतनिक वी कोविड19 पर 91.6 फीसद कारगर है.
रूस द्वारा विकसित यह कोरोना रोधी वैक्सीन कोरोना के खिलाफ बड़ी कारगर मानी गई है। स्पूतनिक-वी अब तक 3.2 अरब से अधिक की कुल आबादी वाले 66 देशों में रजिस्टर्ड है।
आरडीआईएफ और गमलेया सेंटर ने दावा किया है कि स्पूतनिक-वी 97.6% प्रभावी है।
यह वैक्सीन मानव एडेनोवायरल वैक्टर पर आधारित है रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन पहली और दूसरी डोज में दो अलग-अलग एडेनोवायरस इस्तेमाल करती है।
रूस ने भारत को कोरोना की दूसरी लहर के बीच स्पूतनिक वैक्सीन के एक करोड़ 80 लाख डोज भेजने की घोषणा की थी-
बता दें कि रूस ने भारत को कोरोना की दूसरी लहर के बीच स्पूतनिक वैक्सीन के एक करोड़ 80 लाख डोज भेजने की घोषणा की थी।भारत को अभी तक स्पूतनिक V की 2,10,000 डोज मिल चुकी है।
मई में 30 लाख डोजऔर मिलेगी जबकि जून में 50 लाख,जुलाई में एक करोड़ डोज और दी जाएगी।
मई में 30 लाख डोजऔर मिलेगी जबकि जून में 50 लाख,जुलाई में एक करोड़ डोज और दी जाएगी।
भारत में स्पुतनिक का उत्पादन 3 चरणों में किया जाएगा-
पहला चरण –रूस से आपूर्ति -इस क्रम में स्पुतनिक पूरी तरह से रूस में ही निर्मित होकर भारत आएगी ये क्रम पहले ही शुरू हो चुका है।
दूसरा चरण -आरडीआईएफ थोक में वैक्सीन भारत भेजेगा जो उपयोग के लिए तो तैयार होगा लेकिन इसकी पैकिंग भारत में की जाएगी
तीसरा चरण-में रूसी पक्ष भारतीय कंपनी को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करेगा और भारतीय कंपनी इसका पूरी तरह से भारत में उत्पादन करेगी।
इस प्रकार इन तीनों को मिलाकर लगभग 85 करोड़ डोज तैयार होंगी।
आरडीआईएफ के सीईओ किरिल डिमित्रिव के बयानअनुसार ‘
महामारी से लड़ रहे देशों की मदद करने के लिए पैनासिया बायोटेक के साथ प्रोडक्शन की शुरुआत करना काफी अहम है।
इसके प्रोडक्शन से भारत में कोरोना वायरस से जल्द छुटकारा मिल जाएगा।वहीं,आने वाले समय में दुनिया के अन्य देशों में कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए वैक्सीन का एक्सपोर्ट भी किया जाएगा ,
आरडीआईएफ और पैनासिया बायोटेक एक साल में दस करोड़ वैक्सीन के डोज बनाएंगे।
पैनासिया बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश जैन का कहना है कि स्पूतनिक-वी का प्रोडक्शन शुरू करना काफी महत्वपूर्ण कदम होने जा रहा है।
भारत अभी सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड व भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवाक्सिन के जरिए टीकाकरण कर रहा है।अब देश में तीसरी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की भी टीकाकरण में मदद मिल सकेगी। इससे देश की बड़ी आबादी का जल्द से जल्द टीकाकरण कर इस महामारी पर काबू पाया जा सकेगा