नेपाल में विवादित नक्शा पास होते ही,महंगाई का तांडव शुरू,आटे दाल के भाव बेकाबू रफ़्तार में,नमक100 रुपये(नेपाली)किलो तक पंहुचा.

जब भी नेपाल की सरकार चीन के चरणों में नतमस्तक होती है ,उसका खामियाजा वहां की जनता को भुगतना पड़ता है,जब से नेपाल ने भारत के साथ अपने सम्बन्ध बिगाड़ने शुरू किये है 


नेपाल में महंगाई ने अपना तांडव दिखाना शुरू कर दिया है। भारत और नेपाल का सदियों से जो दो भाइयो की तरह रिश्ता चला आ रहा है, जो सांस्कृतिक रिश्ते कायम है और दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का जो रिश्ता सदीयो से चला आ रहा है ,अब उनको चीन की बुरी नजर लग गयी है ।अब  नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार ने चीन के इशारे पर भारत से अपने सम्बन्ध खराब कर लिए है  जिसका नतीजा अब पूरे नेपाल की जनता को भुगतना पड़ रहा है,
भारत से सम्बन्ध बिगाड़ने के बाद नेपाल में अब महंगाई ने हाहाकार मचाना शुरू कर दिया है, रोजमर्रा के सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक़,नेपाल में नमक 60 भारतीय रूपये (सौ नेपाली करेंसी) प्रति किलोग्राम बिक रहा है।

#नेपाल में फूटा महंगाई बम #तेल 800, दाल 700 और नमक 100 नेपाली रुपए किलो तक पहुंचा लो अब भुगतो, pic.twitter.com/dlc9MIWF5j

— वीर बाबू (@Hindushera) June 20, 2020

गौरतलब है की कोरोना को रोकने के लिए दोनों देशों में लॉकडाउन किया गया था। सीमा भी सील कर दी गई थी।
बॉर्डर के बंद होने के बावजूद मित्र राष्ट्र के नागरिकों को किसी तरह की समस्या ना हो सके इसको लेकर पेट्रोल व डीजल के साथ खानपान से संबंधित माल वाहनों को नेपाल भेजे जाने का कार्य जारी था। देश में लॉकडाउन के दौरान मौजूद लाखों की संख्या में नेपाली नागरिकों को भी शासन-प्रशासन ने सुविधा उपलब्ध कराते हुए उनके देश तक पहुंचाने का कार्य किया। इस बीच नेपाल शासन में संसद में नया विवादित नक्शा पास कर दिया। 



 इसके अलावा नेपाल पुलिस ने भारत के क्षेत्र सीतामढ़ी में अंधाधुंध फायरिंग करके रिश्ते में और कड़वाहट पैदा कर दी. इस फायरिंग में एक भारतीय की मृत्यु हो गयी थी, कई घायल हो गए थे, जिसके चलते अब सीमा पर सख्ती और बढ़ा दी गई। सीसीटीवी से भी चौकसी की जाने लगी। इससे भारतीय क्षेत्र से जरूरी सामान नेपाल के नागरिकों को मिलना कठिन हो गया। नेपाल बाजार में खाने पीने के सामान की कीमते आसमान छूने लगी है 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल में पहले नमक का दाम प्रति किलो 16 नेपाली करेंसी था, अब 100 नेपाली करेंसी हो गया है। सरसों तेल दो सौ की जगह आठ सौ प्रति लीटर, चीनी 70 की जगह चार सौ प्रति किलो, जीरा चार सौ की जगह दो हजार, काली मिर्च 1600 की जगह 3500, हल्दी 250 की जगह आठ सौ और अरहर दाल 150 की जगह 700 प्रति किलो नेपाली करेंसी बिक रहा। जानकारी के लिए  सौ नेपाली करेंसी का मूल्य 60 रुपये होता है।


  नेपाल की जनता  अपनी ही सरकार को कोस रही हैं और 
भारत-नेपाल संबंध को पहले की तरह मजबूत करने पर जोर दे रही  हैं।

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 नेपाल में ओली सरकार का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है,भारत के साथ बिगडते रिश्तो के साथ ही वहाँ के हालात भी बिगड़ते जा रहे है।इस कारण वहाँ की जनता व नेताओ ने सरकार का विरोध शुरू कर दिया है 
 पार्टी के सांसद भी ओली से नाराज –

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की सांसद राम कुमारी झाकरी ने कहा कि ओली पार्टी की बैठकों से बचते रहे हैं क्योंकि वह पार्टी नेताओं का सामना नहीं कर सकते। राम कुमारी झाकरी ने कहा कि 23 जून को स्थायी समिति की बैठक बुलाई गई है, लेकिन हमें विश्वास नहीं है कि वह बैठक आयोजित होगी। अगर स्थायी समिति की बैठक आयोजित की जाती है, तो नेता कोरोना वायरस को लेकर सरकार के खराब प्रदर्शन सहित कई मुद्दों पर ओली से सवाल पूछेंगे।

44 सदस्यों में से ओली के पक्ष में केवल 13-
44 सदस्यीय स्थायी समिति में ओली के पक्ष में केवल 13 सदस्य हैं। उनमें बिष्णु रिमल, सुबाह निंबांग, सत्य नारायण मंडल, रघुबीर महासेठ, पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, किरण गुरुंग, शंकर पोखरेल, प्रदीप ग्यावली और छबील बिश्कर्मा, महासचिव बिष्णु पोडेल, गृह मंत्री राम बहादुर थापा, और उप प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरा शामिल हैं।





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