JIO ने किया 5G सेवाओं का ऐलान,चीन की सबसे बड़ी कंपनी हुवावे (Huawei )को टक्कर,हुवावे को अमेरिका,ब्रिटेन सहित कई देशो ने किया है बैन.
JIO 5G |
प्रत्येक भारतीय के लिए ये बड़े गौरव का पल है एक भारतीय कंपनी ने आज टेक्नोलॉजी क्षेत्र में चीन की स्थापित कम्पनी को टक्कर देते हुए 5G सेवाओं का ऐलान किया है।
भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी Jio के मालिक मुकेश अंबानी ने Jio 5G सेवाओं का ऐलान कर दिया है
भारत का यह स्वदेशी 5G सॉल्यूशन चीन के हुवावे(Huawei )से टक्कर लेगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इसका ऐलान करते हुए बताया की उनकी कंपनी इसे दुनिया के अन्य देशों में भी उपलब्ध करवाएगी।जैसे ही सरकार 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का ऐलान कर देगी,जिओ 5G सेवाओं को ट्रायल के लिए शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जियो 5जी का फील्ड डिप्लायमेंट अगले साल से शुरू हो जाएगा। मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो का 5G सॉल्यूशन अन्य टेलिकॉम ऑपरेटरों के लिए भी उपलब्ध होगा।
भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी जियो ने घरेलू तकनीक से 5जी सॉल्यूशन विकसित किया है.
जिओ के 5G नेटवर्क का एलान ऐसे वक़्त पर आया है जब पूरी दुनिया में हुवावे के खिलाफ आवाज उठनी तेज हो गई है।हुवावे पर डेटा चोरी और गुप्त सूचनाओं को लीक करने का आरोप है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो |
कुछ दिनों पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने जिओ की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि जिओ साफ सुथरी दूरसंचार कंपनी है और हुवावे से मुक्त है।अमेरिका ने हुवावे के सभी उपकरणों को प्रतिबंधित कर दिया था।
अब ब्रिटेन ने चीनी कंपनी हुवावे के 5G नेटवर्क से सम्बंधित प्रोग्राम को बैन कर दिया है।ब्रिटिश सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे 2027 तक 5जी नेटवर्क से हुवावे के सभी उपकरणों को हटा दें.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अध्यक्षता में हुई नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग के बाद फैसला लिया गया कि देश में 5जी नेटवर्क के निर्माण में चीनी कंपनी की भागीदारी को खत्म किया जाएगा। ब्रिटिश सरकार ने यह फैसला नेशनल साइबर सिक्योरिटी काउंसिल के रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद लिया।
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका के प्रतिबंध के बाद हुवावे के सिक्योरिटी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। 5जी नेटवर्क में हुवावे की उपस्थिति देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती है।
इस प्रतिबंध से पहले चीन ब्रिटेन को बार बार धमकी देकर इस प्रोग्राम को बैन करने पर होने वाले नुक्सान के बारे में चेतावनी दे रहा था।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने जून महीने के शुरुआत में दावा किया था कि चीन लंदन स्थित एचएसबीसी बैंक के जरिये ब्रिटेन पर अपनी परियोजनाओं के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने ब्रिटेन के बैंक द हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एचएसबीसी) को कथित तौर पर दंडित करने की धमकी दी है। उसने कहा है कि अगर ब्रिटेन हुवेई को उसका 5जी नेटवर्क बनाने की अनुमति नहीं देगा तो वह भी ब्रिटेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण का अपना वादा तोड़ देगा।
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