Immunity(रोग प्रति रोधक क्षमता )के प्रकार,immunity बढ़ाने के प्राकृतिक पदार्थ,घरेलु नुस्खे और आयुष मंत्रालय का काढ़ा.
Immunity(रोग प्रति रोधक क्षमता )के प्रकार,immunity बढ़ाने केप्राकृतिक पदार्थ,घरेलु नुस्खे और आयुष मंत्रालय का काढ़ा .
‘नो वल कोरोना वायरस’ ने भारत सहित पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इस एक वायरस (सार्स-कोव-2) से लाखों लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।
दवा के नाम पर अभी कोई ठोस और प्रमाणित फार्मूला पुरे विश्व में नहीं है,वायरस और उससे जुड़ी बीमारियों को रोकना हमारे हाथों में नहीं है,लेकिन ऐसी बीमारियों के सामने डटकर खड़े रहना और खुद को मजबूत करना हमारे हाथ में है। हम मजबूत तब बनेंगे,जब हमारा प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनेगा, यह हमारे शरीर का वह रक्षा कवच है,जो हमें बीमारियों से बचाता है।
प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्युनिटी सिस्टम वायरस, बैक्टीरिया,फंगी,एल्गी समेत उन तमाम रोगाणुओं के सामने ढाल बनता है,जो बीमारियों का कारण बनते हैं। यह सिस्टम कोई एक कोशिका नहीं,बल्कि कई कोशिकाओं के समूह के साथ शरीर का बाहरी डिफेंस सिस्टम भी है।
इसे प्रमुख रूप से दो भागों में बांटा जा सकता हैं-
पहला है- इनैट यानी जन्मजात इम्यून क्षमता। त्वचा, नाक में मौजूद स्नॉट, लार पहला रक्षा कवच होते हैं।
दूसरा है- एडॉप्टिव इम्यून सिस्टम यानी अनुकूल प्रतिरक्षा प्रणाली, जो हम लाइफस्टाइल से हासिल करते हैं।
हमारे आसपास कई तरह के हानिकारक कीटाणु होते हैं। हमें पता भी नहीं होता और हम खाने के साथ, पीने के साथ यहां तक की सांस लेने के साथ भी हानिकारक तत्वों को अपने अंदर अनजाने में प्रवेश करवा देते हैं।कई बार रोगाणु रक्षात्मक प्रणाली को तोड़कर शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं। तब इनका मुकाबला हमारी व्हाइट ब्लड सेल्स (लिम्फोसाइट्स) से होता है।
पर कई मामलों में इम्यून सिस्टम कुछ ब्लाइंड स्पॉट्स छोड़ देता है। कुछ बग्स को यह नहीं पकड़ पाता। यही ब्लाइंड स्पॉट्स नई-नई बीमारियों का कारण बनते हैं।
मजबूत इम्यून सिस्टम के साथ इससे लड़ा जा सकता है।असल में हर जीवित शरीर में प्रकृति ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई हुई है,जो उसे नुकसानदेह जीवाणुओं, विषाणुओं और माइक्रोब्स वगैरह से बचाती है। इसे ही रोगप्रतिरोधक शक्ति या इम्यूनिटी कहा जाता है।
जिसकी इम्यूनिटी मजबूत है, उसके शरीर में रोगाणु पहुंचकर भी नुकसान नहीं कर पाते, पर जिसकी इम्यूनिटी कमजोर हो गई हो,वह जरा-से मौसमी बदलाव में भी रोगाणुओं के आक्रमण को झेल नहीं पाता।
दूसरों की अपेक्षा बार-बार बीमार होते हैं, जुकाम की शिकायत रहती है,खांसी, गला खराब होना या स्किन रैशेज जैसी समस्या रहती है तो बहुत पॉसिबल है कि यह आपके इम्यून सिस्टम की वजह से हो। कैंडिडा टेस्ट का पॉजिटिव होना,बार-बार यूटीआई,डायरिया,मसूड़ों में सूजन, मुंह में छाले वगैरह भी खराब इम्यूनिटी के लक्षण हैं।
मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए नॉर्मल ऑरल बॉडी टेंपरेचर 36.3 डिग्री से. से नीचे नहीं होना चाहिए
इम्युनिटी के तीन सबसे बड़े दुश्मन है : तनाव, शराब और कम नींद
क्यों होती है इम्यूनिटी कमजोर-
– शरीर में चर्बी का अनावश्यक रूप से जमा होना।
– वजन बहुत कम होना।
– फास्टफूड, जंकफूड आदि का ज्यादा सेवन।
– शरीर को ठीक से पोषण न मिलना।
– धूम्रपान, शराब, ड्रग आदि का सेवन।
– पेनकिलर, एंटीबॉयोटिक आदि दवाओं का लंबे समय तक सेवन
– शारीरिक श्रम का अभाव।
– प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक रहना।
– बचपन और बुढ़ापे में रोगप्रतिरोधक शक्ति सामान्य तौर पर कुछ कमजोर होती है, पर खराब जीवनशैली के चलते युवावस्था में भी यह कमजोर हो सकती है।
– गर्भवती स्त्री का खान-पान ठीक न हो या वह कुपोषण का शिकार हो तो होने वाले बच्चे की भी रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की संभावना बनी रहती है।
– अगर आप चीनी ज्यादा खाते हैं तो यह इम्यूनिटी के लिए नुकसानदेह है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में छपे एक शोध के अनुसार सौ ग्राम या इससे अधिक शुगर खा लेने की स्थिति में श्वेत रुधिर कणिकाओं की रोगाणुओं को मारने की क्षमता पांच घंटे तक के लिए कमजोर पड़ जाती है।
– कम पानी पीने से इम्यूनिटी कमजोर पड़ती है,क्योंकि पर्याप्त पानी के अभाव में शरीर से विजातीय द्रव्यों को बाहर निकाल पाना कठिन हो जाता है।
इम्यूनिटी मजबूत करने के उपाय –
आहार में एंटीऑक्सिडेंट की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट बीमार कोशिकाओं को दुरुस्त करते हैं और सेहत बरकरार रखते हुए उम्र केअसर को कम करते हैं। बीटा केरोटिन, सेलेनियम, विटामिन-ए, विटामिन-बी2 व बी6, विटामिन-सी, विटामिन-ई, विटामिन-डी तर्था ंजक रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं। इन तत्त्वों की भरपाई के लिए गाजर, पालक, चुकंदर, टमाटर, फूलगोभी, खुबानी, जौ, भूरे चावल, शकरकंद, संतरा, पपीता, बादाम, दूध, दही, मशरूम, लौकी के बीज, तिल आदि उपयोगी हैं। हरी सब्जियों-फलों को विशेष रूप से भोजन में शामिल करें।
ज्यादा से ज्यादा पानी पीये,नींद भरपूर लें,तनावमुक्त रहने का अभ्यास करें।
दिन में तीन-चार बार ग्रीन-टी पीने से रोगप्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है।
लहसुन एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल है। जाड़े के दिनों में दिन में एक-दो लहसुन सेवन करना चाहिए।
आंवला,नीबू,अदरक,कच्ची हल्दी और तुलसी को अपनी थाली में जरूर शामिल करें और इन्हें कम-से-कम 21 दिनों तक इस्तेमाल करें।21 दिन के पीछे एक रहस्य है। वैद्य सदियों से ऐसा बताते रहे हैं, पर विज्ञान के नए शोधों ने भी प्रमाणित किया है कि कोई भी चीज तीन हफ्ते तक नियमित रूप से करने पर शरीर उसके प्रति अनुकूलता बैठाने लगता है।ये पांचों उपाय एक साथ भी कर सकते हैं, परंतु ऐसा करें तो कच्ची हल्दी को सवेरे के बजाय भोजन के साथ या दिन में अन्य किसी समय लें।
आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के कई उपाय हैं। इन तीन कारगर और आसान उपायों में से रोजाना एक को भी अमल में ले लाएंगे तो फायदा होगा,तीनों करें तो और भी बेहतर :
आधे चम्मच हल्दी व उसमें शहद मिलाकर रोज़ाना सोते समय कुनकुने दूध से लें।
धा चम्मच आंवला पाउडर में शहद मिलाकर रोज़ाना सुबह सेवन कीजिए।
एक गिलास कुनकुने पानी में एक नींबू का रस मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
आयुष मंत्रालय ने भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोगों को काढ़ा पीने की सलाह दी है।
आयुर्वेदिक काढ़े की मदद से आप नेचुरल तरीके से अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं। (Naturally Boost Immunity) हाल ही में आयुष मंत्रालय ने भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोगों को काढ़ा पीने की सलाह दी थी। जिसके लिए आयुष मंत्रालय ने राज्यों को काढ़ा बनाने का तरीका बताते हुए कई प्रकार के इम्युनिटी बूस्टर टिप्स भी दिए थे।
आयुष मंत्रालय ने इम्यूनिटी अच्छी करने के लिए लोगों को एक खास आयुर्वेदिक काढ़े का नुस्खा बताया है। जिसे रोजाना पीने से व्यक्ति की इम्यूनिटी में सुधार होगा और उसका शरीर कोविड-19 के संक्रमण से लड़ने में सक्षम बना रहेगा। आइए जानते हैं क्या है इस काढ़े को बनाने का सही और आसान तरीका।
आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाया गया काढ़ा बनाने का तरीका-
सबसे पहले काढ़ा बनाने के लिए आप चार भाग तुलसी के पत्ते,दो भाग दालचीनी,दो भाग सोंठ और एक भाग कृष्ण मरीच लें। इनका मोटा पाउडर बना लें और 3 ग्राम का टी-बैग या 500 मिलिग्राम पाउडर की गोलियां बना लें। इसे 150 मिलीलीटर उबले पानी में घोल कर चाय की तरह दिन में एक या दो बार पिएं।
कोरोना वायरस का आप ट्रीटमेंट तो नहीं कर सकते लेकिन मैनेजमेन्ट जरूर कर सकते है .
सोशल डिस्टेंसिंग रख कर,मास्क का प्रयोग करके,हाथो को बार बार साफ करके(जहां तक सम्भव हो साबुन से हाथ धोये)और अपनी रोग प्रति रोधक क्षमता को बढ़ाकर आप कोरोना के खतरे को बहुत हद तक कम कर सकते है.
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