गिलगित-बाल्टिस्तान पर भारत का सख्त रुख ,पाकिस्तान को सख्त चेतावनी ,pok भारत के नक़्शे में

 गिलगित-बाल्टिस्तान पर सख्त हुआ भारत का रुख,भारत के नए नक़्शे में pok भारत का हिस्सा 

पाकिस्तान का निर्माण ही झूठ की नींव पर हुआ है ,पाकिस्तान को  बनाने की भूमिका से लेकर आज तक पाकिस्तान  झूठ के सहारे ही चल रहा है चाहे भारत में आतंकवाद हो चाहे अन्य मामले पुरे विश्व के सामने नंगा होने के बाद भी पाकिस्तान झूठ का सहारा लेकर अपने आप को पीड़ित घोषित करने पर तुला रहता है ,आजादी के 66सालो के बाद जब केंद्र में सत्ता परिवर्तन हुआ और पाकिस्तान के प्रति भारत के लचर रवईये में बदलाव हुआ और पड़ौसी  को उसकी असली औकात बतायी  जाने लगी  और पुरे विश्व के भारत पाक विवाद पर दोहरे मापदंडो पर आपत्ति उठाई जाने लगी तो उसके नतीजतन  पाकिस्तान आज भीख का कटोरा लिए घूम रहा है ,लेकिन उसे कही से भीख नहीं मिल रही। 


 भारत की अहिंसा निति का अर्थ-भारत की अहिंसा निति का अर्थ पाकिस्तान भारत की कमजोरी मानता था,लेकिन पिछले 6 सालो की भारत की विदेश निति ने उसे कमजोरी और अहिंसा का अर्थ बहुत अच्छी तरह समझा दिया है.

 ताजा घटना क्रम में  भारत के मौसम विभाग (IMD) ने जम्‍मू-कश्‍मीर सब-डिविजन को अब ‘जम्‍मू और कश्‍मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद’ कहना शुरू कर दिया है।  


 भारत के मौसम  विभाग (IMD) के मौसम पूर्वानुमान में 

जो नॉर्थवेस्‍ट इंडिया के लिए  जारी  किये गए उनमे गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद को भी शामिल किया गया है। गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद, दोनों पर पाकिस्‍तान ने अवैध रूप से कब्‍जा कर रखा है। 

  पाकिस्तान के नए नाट्यक्रम में पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव करवाने का आदेश दिया है। 

भारत के अनुसार  पाकिस्‍तान की अदालत नहीं कर सकती फैसला: भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को आपत्ति पत्र भी जारी किया था। बयान के मुताबिक, तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।’ बयान में कहा गया, ‘यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, वह पूरी तरह से कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के तहत भारत का अभिन्न अंग हैं।’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने ‘अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए’ हुए हैं। उल्लेखनीय  है की पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव करवाने का आदेश दिया है। 


भारत के अभिन्न अंग गिलगित-बाल्टिस्तान का इतिहास-गिलगित-बाल्टिस्तान इलाका अंग्रेज़ों ने जम्मू कश्मीर के महाराज से 1935 में 60 साल के लिए लीज़ पर लिया था ताकि यहां की उंची पहाड़ियों से आस-पास के पूरे इलाके पर नज़र रखी जा सके.‘गिलगित स्काउट्स’ नाम की एक फोर्स यहां तैनात रहती थी.अंग्रेज़ भारत से जाने को हुए, तो 1अगस्त 1947 को लीज़ खत्म कर के इलाका महाराज को लौटा दिया गया. महाराज ने ब्रिगेडियर घंसार सिंह को यहां का गर्वनर बना दिया.

   भारत में जम्मू और कश्मीर का विलय – बटवारें के वक़्त  जब  पाकिस्तान के कबायली लोगों की आड़ में पाकिस्तानी फौज ने जम्मू कश्मीर पर हमला किया, तो महाराज हरि सिंह ने अपना राज्य भारत में मिला दिया.31अक्टूबर 1947 को इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर दस्तखत हुए. इससे गिलगित-बल्तिस्तान समेत पूरा जम्मू और कश्मीर हिंदुस्तान का क्षेत्र घोषित हो गए 

 भारत के साथ धोखा– लेकिन अंग्रेज अफसरों और गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानीय कमांडर कर्नल मिर्जा हसन खान ने मिली भगत कर 2 नवंबर 1947 को विद्रोह कर गिलगित-बाल्टिस्तान को जम्मू और कश्मीर से आजादी का ऐलान कर दिया।और मेजर डब्लयू. ए. ब्राउन ने महाराज से गद्दारी कर ब्रिगेडियर घंसार सिंह को जेल में डालकर पेशावर में अपने अंग्रेज़ सीनियर लेफ्टिनेंट कर्नल रौजर बेकन को खबर कर दी की  गिलगित पाकिस्तान का हिस्सा बन रहा है. 2 नवंबर को ब्राउन ने पाकिस्तान सेना के आक्रमण की भूमिका बना पाकिस्तान का झंडा फहरा दिया 

 संयुक्त राष्ट्र द्वारा सीजफायर घोषित करने के बाद से पाक का यहां कब्जा बना रहा। दुनिया में दिखावे  के लिए पीओके में अलग एक डमी सरकार का गठन भी किया ।तब तक गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा माना जाता रहा।28 अप्रैल1949 को पीओके की मुखौटा सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान को सौंप दिया।

भारत में जम्मू कश्मीर के विलय का विरोध-पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के भारत विलय का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध भी  किया। लेकिन, संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद उसने भी 1949 में इस फैसले पर हस्ताक्षर कर दिए।

 भारत से कब्जाया गया हिस्सा और पाकिस्तान का संविधानपाकिस्तान में पाक अधिकृत कश्मीर के लिए एक अलग संविधान है. लेकिन यहाँ पर सविंधान सिर्फ विश्व की आँखों में धूल झोकने के लिए है,दिखावे के लिए वहा सरकार भी है लेकिन निर्णय एक काउंसिल लेता है,जिसके अध्यक्ष पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होते हैं.

 भारत हमेशा से ही स्पष्ट शब्दों में पुरे जम्मू और कश्मीर को अपना हिस्सा बताता रहा है,और पाकिस्तान वाले हिस्से पर पाकिस्तान का जबरन कब्ज़ा 

 भारत के नए मैप में है PoK-जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भारत सरकार ने जो नया मानचित्र जारी किया है,उसमें पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के हिस्सों को कश्मीर क्षेत्र में दर्शाया गया है  


विदेशों ने भी भारत का किया समर्थनबता दें कि 2017 में ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी के तत्कालीन सांसद बॉब ब्लैकमैन की ओर से 23 मार्च को ब्रिटिश संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें कहा गया कि गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है। उसे अपना कब्जा छोड़ना चाहिए।

 भारत,चीन,पाकिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान दरअसल गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में चुनाव करवाने का नाटक सिर्फ विश्व की आँखों में धूल झोकने का प्रयास मात्र है,क्योकि ये क्षेत्र पाकिस्तान के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी है और पाकिस्तान के साथ साथ चीन का भी यहाँ भविष्य दांव पर है। चीन की यहां कई महत्वाकांक्षी परियोजनाए चल रही है और उनमे बहुत बड़ा निवेश इस क्षेत्र में चीन की तरफ से  किया हुआ है चीन की एक बड़ी योजना है ‘चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’इसकी लागत है 3 लाख 51 हज़ार करोड़ ये कॉरिडोर गिलगित-बल्तिस्तान से गुज़रना है.और चीन कभी भी नहीं चाहेगा की उसका नुक्सान हो ,चीन ये जानता है की विश्व के बहुत से देश इस क्षेत्र को विवादित मानते है।

 पाकिस्तान का भविष्य भी इस परियोजना से जुड़ा है, उसे पता है की अगर क्षेत्र विवादित रहता है तो इस परियोजना में  भविष्य में दिक्क़ते आ सकती है इसलिए इस विवादित क्षेत्र को अपने राज्य का रूप देकर बचने का रास्ता ढूंढ रहा है इसी कड़ी में यहाँ चुनाव चुनाव का नाटक खेला जा रहा है।  भारत के कड़े तेवरों को देखते हुए यह सम्भव नहीं दिखता की पाकिस्तान अपनी चाल में कामयाब हो पायेगा।

 आज का भारत-अंत में आज का भारत पुराने भारत से बहुत भिन्न है गोली का बदला गोले से देने वाला भारत है आज घर में घुसकर मारने वाला भारत है । पाकिस्तान भारत के कड़े कदमो से बहुत घबराया हुआ है। और धीरे धीरे अपना वजूद खुद ही अपने हाथ से मिटाने की और अग्रसर है। 







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