MSME में रजिस्ट्रेशन के नाम पर धोखा धड़ी,भारत सरकार की ऑफिसियल वेब साइट पर ही रजिस्ट्रेशन करवाए


MSME भारतीय अर्थव्यवस्था की आवश्यकता क्यों है ?

M S M E सेक्टर कृषि के बाद भारत में सबसे ज्यादा रोजगार का सृजन करता है,एक अनुमान के मुताबिक करीब 11करोड़ लोग इन छोटी फ़ैक्ट्रियो और  कारखानो में काम करते है ,देश की GDP का लगभग 30 % हिस्सा इसी क्षेत्र से होता है व निर्यात में 40 % हिस्सा इसी क्षेत्र से है,

 ये भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। आत्मनिर्भर बनने के लिए इस सेक्टर को मजबुती देना बेहद जरूरी है.सही मायनो में अगर चीन जैसे मजबुत देश से प्रति स्पर्धा कर सकता है तो भारत का ये ही सेक्टर है।सरकार ने ये बात समझी है और इस दिशा में अपने कदम भी बढ़ाये है।


 MSME का अर्थ 

MSME का मतलब Micro,Small and Medium Enterprises  है सरल भाषा में कहाँ जाये तो छोटे छोटे कारख़ाने,छोटी फैक्ट्रिया आदि को MSME की 3 श्रेणीयो में रखा जाता है.इसके नाम अनुसार MSME में 


का अर्थ MICRO,

S का अर्थ SMALL, 

M का अर्थ MEDIUM और 

E का अर्थ है ENTERPRISES       

ये व्यापारिक तीन तरह की श्रेणी होती है 

  1.  MICRO  का मतलब बहुत छोटे कारखाने /व्यापारी 
  2.  SMALL  का अर्थ है छोटे कारखाने /व्यापारी लेकिन बहुत छोटे से बड़े   
  3. MEDIUM  का अर्थ है मध्यम  कारखाने /व्यापारी  लेकिन इन दोनो से बड़े 

    ये वर्गीकरण व्यापार में निवेश,कर्मचरियो की संख्या आदि और सालाना व्यापार को देख कर किया जाता है। 

    MSME की नयी सीमा –कुछ समय पहले की गयी  घोषणा में सबसे महत्वपूर्ण घोषणा कही जाये तो वो है MSME की सीमा का पुनर्मूल्यांकन ये एक ऐतिहासिक निर्णय है.सरल भाषा में किसे MICRO कहाँ जाएगा,किसे SMALL और किसे MEDIUM कहाँ जाएगा इसका दायरा भी बड़ा किया गया है.

                                  MSME की सीमा 

MSME में MICRO श्रेणी – इस के अंतर्गत वो उद्योग धंधे आते थे जिन में निवेश 25 लाख तक का होता था.

लेकिन आज इस 25 लाख की सीमा में परिवर्तन किया गया है अब ये 1कऱोड तक का निवेश व साथ में 5 करोड़ तक  का सालाना व्यापार करने वाली कंपनी MICRO की श्रेणी में आएगी। 

सरल भाषा में पहले कंपनी को जो सुविधाएं 25 लाख तक के निवेश पर मिलती थी अब वो ही सुविधाएं 1करोड़ तक के निवेश पर भी मिलेगी,इन सुविधाओं के चक्कर में व्यापारी 25 लाख से ज्यादा बढ़ना ही नहीं चाहता था। अब उसकी ताकत3 गुणा कर दी गयी है अब वो अपने कारखाने में 75 लाख तक का निवेश और कर सकता है। सरल शब्दों में अगर कोई अपने काम को बढ़ाने के लिए 20लाख की मशीन लेना चाहता था ऐसा करते ही उसकी कम्पनी  MICRO से SMALL की श्रेणी में आ जाती और उसकी MICRO वाली सुविधाएं समाप्त हो जाती इस भय से वो मशीन लेने से हिचकचाता था।अब वो 20लाख की नयी मशीन लगा कर भी MICRO वाली सुविधाएं ले सकेगा। इससे उसकी कार्य क्षमता और कमाई दोनों में बढ़ोतरी होगी 

 MSME में SMALL ENTERPRISES श्रेणी – इस श्रेणी की नयी सीमा 10 करोड़ तक का निवेश व 50 करोड़ तक का सालाना व्यापार करने वाली कंपनी SMALL ENTERPRISES की श्रेणी में आएगी। 

 MSME में MEDIUM ENTERPRISES श्रेणी – इस श्रेणी की नयी सीमा 20करोड़ तक का निवेश व 100 करोड़ तक का सालाना व्यापार करने वाली कंपनी इस श्रेणी में आएगी।

MSME में रजिस्ट्रेशन की सरकारी WEB SITE 
 
MSME  केंद्र सरकार द्वारा मेक इन इंडिया के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा व्यापारिक गतिविधीया संचालित करने व उनके लिए परिस्थितीया उत्पन्न करने का प्रयास है,भारत जैसे विकास शील देश में जहा बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है वही भारतीय बाजार की विदेशो पर निर्भरता भी एक गंभीर समस्या है ,इन दोनों ही समस्या का समाधान छोटे उधमियों को प्रोत्साहन देकर किया जा सकता है इसी सोच ने msme अवधारणा को बल दिया गया है,इस में सरकार सारा ध्यान छोटे उधमियों पर केंद्रित  कर रही है,अगर आप भी कोई छोटा उद्यम चला रहे है या चलाने का विचार कर रहे है तो आप को msme के अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करवाना चाहिए ,इसके बिना आप इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे।

MSME में रजिस्ट्ररेशन की प्रकिर्या  बहुत ही सरल है।आप स्वयं बिना किसी लागत के रजिस्ट्रेशन कर सकते है। MSME में रजिस्ट्रेशन्स के नाम पर बहुत सी साइट फ्राड कर रही है ,जिसमे MSME फीस के नाम पर पैसै  मांगे जा रहे है,जबकि सरकार इसमें कोई फीस नहीं ले रही है। दुसरा इन साइट्स से आपके डाटा चोरी होने और उनका दुरप्रयोग होने की पूरी संम्भावना होती है।अतः आप इस प्रकिर्या  में थोड़ी सावधानी बरतते हुए आप स्वय भी सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते है इसकी सरकारी वेबसाइट https://www.udyamregistration.gov.in है। 

एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद आपकी ईमेल पर आपका सर्टिफ़ीकेट 7 से 10 दिन के अंदर आ जाएगा। 

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