विश्व के इतिहास में इजरायल द्वारा आतंकियों के खिलाफ किया गया अब तक का सबसे कठिन और सफल ऑपरेशन -ऑपरेशन थंडरबोल्ट

 

इजरायल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद का अब तक का सबसे खतरनाक मिशन -Operation Thunderbolt

दिनांक 27 जून 1976 रात करीब11बजे इजरायल की राजधानी तेल अवीव के बेनगुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्रांस की एयरबस ए300 वी4-203ने ग्रीस की राजधानी एथेंस के लिए उड़ान भरती है । इस फ्लाइट में 246 यात्रियों के अलावा क्रू के12 सदस्य सवार थे।

विमान का अपहरण- 

लगभग डेढ़ घंटे बाद यह फ्लाइट एथेंस पहुंचती है,जहां से इस प्लेन में 62 यात्रीऔर सवार होते है एथेंस से यह फ्लाइट जैसे ही फ्रांस की राजधानी पेरिस के लिए उड़ान भरती है,एथेंस से सवार हुए 4 आतंकवादीयो द्वारा इस विमान को हाईजेक कर लिया जाता है। इनमें से 2 फलीस्तीनी लिबरेशन आर्मी से व 2 जर्मनी के रेवोल्यूशनरी ब्रिगेड से जुड़े थे।

सबसे पहले ये आतंकवादी इस प्लेन को लीबिया के शहर बेनगाजी लेकर जाते है। जहां हाईजैकर्स की मांग पर विमान में फ्यूल भरा गया। सात घंटे बेनगाजी में रुकने के बाद आतंकियों ने एक महिला को बीमार होने के कारण रिहा कर देते है  ।

इन आतंकियों द्वारा कई अरब देशों में इस प्लेन को लैंड कराने की मांग की जाती है क्योंकि उन्हें लगता था कि इजरायल से दुश्मनी होने के कारण ये देश इस विमान को  लैंडिंग की अनुमति दे देंगे।लेकिन,अंतरराष्ट्रीय और कूटनीतिक कारणों से कई देशों ने विमान के लैंडिंग से साफ इनकार कर देते है । 

युगांडा में विमान की लैंडिंग- 

आखिर में 28 जून को दोपहर 3 बजे ये  हाईजैकर्स  विमान को युगांडा के एंतेबे हवाई अड्डा पर लैंड कराते है ।

वहां के तत्कालीन तानाशाह ईदीअमीन जो इन अपरहणकर्ताओ के समर्थन में था ने इन हाईजैकर्स को वो सभी सुविधाएं देता है, जिसकी उन्होंने मांग की।


 ईदी अमीन

  ईदी अमीन अपनी सेना के खास लड़ाकों को बंधकों की निगरानी के लिए तैनात कर
 देता है ।लैंडिंग के बाद विमान में सवार सभी इजरायली यात्रियों को पास बने एक टर्मिनल में ले जाया जाता है

इधर इजरायल को विमान के अपहरण की खबर मिलते ही में इजरायली सरकार ने सेना प्रमुख और खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ के साथ मीटिंग की।

विमान अपहरणकर्ताओ की मांगे-

आतंकियों ने इजरायल की विभिन्न जेलों में बंद अपने सैकड़ों साथियों को छोड़ने की मांग रखी। इतना ही नहीं, ये आतंकी विदेशों में बंद अपने दूसरे साथियों को छुड़ाने और पांच मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग भी कर रहे थे। इसके लिए आतंकियों द्वारा  इजरायल को 48 घंटे का समय ही दिया 

इजरायल की नीति हमेशा से ही आतंकियों के साथ कोई भी समझौता न करने की रही है। जिसके कारण उन्होंने आतंकियों को उलझाने के लिए चाल चली और इस डील को लेकर बातचीत करनी शुरू कर दी।

इस दौरान इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जासूसों ने एंतेबे हवाई अड्डे से खुफिया जानकारी जुटानी शुरू कर दी। 30 जून को आतंकियों ने बंधक बनाए गए लोगों में से 48 को रिहा कर दिया। इनमें से अधिकतर बूढ़े और बीमार लोग थे। इन सभी को एक स्पेशल फ्लाइट से पेरिस भेज दिया गया।

इतने कम समय में इजरायली सरकार और सेना ने खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर हाईजैकर्स से 4 जुलाई तक का समय मांग लिया।

इससे आतंकियों को ये लगने लगा की इजरायली सरकार उनके सामने घुटने टेकने के लिए तैयार हो गई है। इसलिए उन्होंने गैर इजरायली नागरिकों को रिहा कर दिया।

अब एंतेबे हवाई अड्डे पर केवल 94 इजरायली यात्रियों के साथ कुल 116 लोग ही बंधक बचे थे।

3 जुलाई को इजरायली कैबिनेट ने लंबी बैठक के बाद एक खुफिया ऑपरेशन करने के लिए मंजूरी दे दी ,जिसे ऑपरेशन थंडरबोल्ट नाम दिया गया। 

योनाथन नेतन्याहू

इस दौरान मोसाद ने गैर इजरायली बंधकों से कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर लीं। जिससे इजरायल के पास आतंकियों की तादाद और उनके हथियारों की जानकारी मिल गई थी।
इसके अलावा मोसाद को यह पता लगा कि एंतेबे एयरपोर्ट के इस टर्मिनल को इजरायल की एक कंपनी ने ही बनाया था। जिससे ब्लू प्रिंट लेकर इस मिशन में शामिल सभी कमांडों को बिल्डिंग के नक्शे के बारे में समझा दिया गया।

  सिर्फ100 फीट की ऊंचाई पर विमानों की उड़ान –                                  3 जुलाई को ही इजरायल से 100 कमांडो की टीम ने  सी 130 सुपर हरकुलिस विमानों से युगांडा के एंतेबे के लिए उड़ान भरीसिर्फ सौ फीट की ऊंचाई पर प्लेन उड़ा कर इजरायल ने सभी राडारो को चकमा दे दिया और उस रात को कारनामा कर दिखाया। 

 इन विमानों में उन्होंने काले मर्सीडीज कारों के एक दस्ते को भी लोड किया था। उस समय युगांडा का तानाशाह ईदी अमीन काले रंग की मर्सीडीज कारों से ही चलता था। इसलिए आतंकियों और युगांडा की सेना को भ्रम में डालने के लिए इजरायल ने यह चाल चली।
इन विमानों के साथ दो बोइंग 707 विमान भी थे जिसमें से एक में मेडिकल टीम थी जबकि दूसरे में यात्रियों को वापस लाया जाना था। 
जैसे ही ये विमान रात को एंतेबे हवाई अड्डे पर उतरे काले मर्सीडीज कारों का काफिला तेजी से टर्मिनल बिल्डिंग की ओर बढ़ चला। लेकिन,उन्हें ये पता नहीं था कि ईदी अमीन उस समय युगांडा में नहीं था।
 ऐसे में इजरायल की पोल खुल गई। लेकिन, बिल्डिंग की पूरी जानकारी होने के कारण कमांडों तेजी से बंधकों के पास पहुंचे और हिब्रू भाषा में चिल्लाए कि लेट जाओ।
 इस कार्रवाई में सभी अपहरणकर्ता और युगांडा सेना के लगभग 50 जवान भी मारे गए,
 इजरायल के 3 बंधकों की मौत हुई। आते समय इजरायली कमांडो ने एयरपोर्ट पर खड़े युगांडा के सभी फाइटर प्लेन को बम से उड़ा दियाइस आपरेशन के दौरान इजरायली यूनिट के कमांडर और वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई योनाथन नेतन्याहू की भी  मौत हो गई। दूसरे देश में इस सफल ऑपरेशन के बाद मोसाद और इजरायली फौज की जमकर तारीफ हुई 
इस ऑपरेशन को आज भी सबसे जाबाज,सफलतम और खतरनाक ऑपरेशन के रूप में जाना जाता है। 




   

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