चीन में बने सामान पर MADE IN CHINA ही नहीं MADE IN P R C भी लिखा हो सकता है.

पिछले कुछ सालो से भारत और चीन के सम्बन्ध उतार चढ़ाव भरे रहे है,पाकिस्तान को लेकर हो,चाहे भारत चीन सीमा विवाद को लेकर चीन के अड़ियल रुख के कारण भारत की जनता में चीन के प्रति विश्वास का माहौल खत्म होता जा रहा है. 
जब जब कोई विवाद होता है तो,भारत में चीन के बने उत्पादों का बहिष्कार करने की मांग जोर पकड़ती है,हालांकि अभी तक इस बहिष्कार का कोई खास असर देखने को नहीं मिला है,उसका मुख्य कारण चीनी सामान का सस्ता होना और आसानी से भारतीय बाजार में उपलब्ध होना है सबसे बड़ी समस्या भारतीय और चीनी सामान की पहचान करना है.
हालांकि बहुत से सामान पर जागरूकता के कारण चीनी कम्पनीयो को नुक्सान उठाना पड़ रहा है.

 आज भारत में बहुत से लोग MADE IN CHINA का बहिष्कार करने लगे है, इस बहिष्कार से बचने के लिए चालबाज चीन ने अब नया तरीका खोज लिया है.अब चीनी कम्पनीया MADE IN CHINA नहीं बल्की MADE IN PRC लिखकर उपभोक्ताओं को मुर्ख बना रही है .

किसी भी सामान को जिस देश में बनाया जाता है,उस पर उस देश का नाम लिखा होता है जैसे भारत में बनने वाले सामान पर MADE IN INDIA लिखा होता है .

 इसी तरह चाइनीज सामान पर लिखा होता था MADE IN CHINA,इससे ये पहचान करना बहुत आसान होता था कि कौन सा सामान भारतीय है और कौन सा चाइनीज.

 MADE IN CHINA का बहिष्कार देख चीन की चालबाज कम्पनीयो ने इसके स्थान पर अब  MADE IN P R C लिखना शुरू कर दिया,जिससे भारतीय उपभोक्ता को मुर्ख बनाया जा सके.यहाँ P R Cका मतलब PEPOLE’S  REPUBLIC OF CHINA होता है.

चाइना भारतीय बाजार में अपने सामान को खपाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाता रहता है-जैसे  अपने सामान को भारतीय रूप रंग देना,जिससे देखने में वो बिल्कुल भारतीय लगे .

इसके अलावा वह सामान की पैकिंग पर कहीं भी चाइनीज भाषा का इस्तेमाल नहीं करता,जरूरत की सभी जानकारी और दिशानिर्देश अंग्रेजी में ही लिखता है.
 अब तो चीनी कम्पनीया कई उत्पादों पर हिंदी में लिखने लगी है। इसके अलावा यदि किसी पैकेट पर कोई तस्वीर लगानी है तो वह भारतीय चेहरों की तस्वीर ही लगाता । यानी देखने में वो उत्पाद आपको  पूरी तरह भारतीय ही लगेगा.

आज बहुत से ग्राहक दुकानदार से MADE IN CHINA सामान न देने का आग्रह करते है,लेकिन अज्ञानता वश  MADE IN PRC का सामान खरीद लेते है। उन्हें लगता है ये कोई तीसरा देश है . इसके लिए जागरूकता लाना अति आवश्यक है,कई बार नाम के भ्रम में लोग चाहकर भी चीन के सामान का बहिष्कार नहीं कर पाते है.








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