हरियाणा विधान सभा चुनाव 2019
3 राज्यों में चुनावो के तारीखों की घोषणा अगले 2 या 3 दिन में होने जा रही है | हरियणा विधान सभा चुनाव 2019 हरियाणा में दो राजनीतक परिवारों के भविष्य का फैसला करने वाला भी होगा | पहला है चौटाला परिवार और दूसरा है हुड्डा परिवार,चौटाला परिवार राजनीतिक रूप से दिवा लिया होने के स्थिति में पहुँच चुका है, देखना ये होगा ये चुनाव उसे कुछ जीवन दान दे सकता है या चौधरी देवीलाल के संघर्ष व् पुरे राजनीतिक जीवन की मेहनत पर पानी फेरता है ,आज के हालात देखते हुए इनलो के लिए ये चुनाव अब तक का सबसे मुश्किल चुनाव होने जा रहा है ,ओम प्रकाश चौटाला के जेल जाने के बाद से ही पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गयी थी, जो अब चरम पर है, आज इनलो दो फाड् हो चुकी है | इनेलो और जजपा दोनों ही पार्टीया लोकसभा में अपनी किस्मत आजमा चुकी है | हालाकी हरियाणा की बहुत सी खापे चौटाला परिवार को एकजुट करने की भरपूर कोशिश कर रही है ,लेकिन विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जजपा अपनी मांगो पर अड़ी हुई है | इस कारण समझौता की उम्मीद लगभग ख़त्म हो चुकी है |इसका पूरा पूरा फायदा बीजेपी को मिलना तय है | चौटाला परिवार अपनी परम्परागत सीटे ही बचा पाएगी ,ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है |
शैलजा हरियाणा कांग्रेस की नयी अध्यक्ष
कांग्रेस ने अशोक तंवर के हाथ से कमान लेकर कुमारी सैलजा को हरियाणा का नया अध्य क्ष नियुक्त किया है तथा भूपेंदर हुड्डा को टिकट वितरण कमेटी का चेयरमैन | ये दोनों नियुक्तिया हरियाणा में चल रही गुटबाजी में दोनों गुटों को राजी करने तथा जातीय समीकरणों को बिठाने का एक प्रयास है, अगर स्पष्ट भाषा में कहाँ जाये तो अब हरियाणा कांग्रेस की कमान भूपेंदर हुड्डा के हाथ में दी गई है , और इसका फायदा कांग्रेस को मिलना भी निश्चित है, क्योकी ओम प्रकाश चौटाला के बाद जाट नेता भूपेंदर हुड्डा को ही माना जाता है ,ओम प्रकाश चौटाला के जेल जाने के बाद हुड्डा जाटो के एक मात्र नेता है और हरियाणा में जाटो की 25% आबादी है , बीजेपी के साथ सबसे बड़ी समस्या ये है की बीजेपी के पास हुड्डा या चौटाला के कद का कोई भी जाट नेता हरियाणा में नहीं है | पिछले 5 सालो में बीजेपी कोई भी जाट नेता जो जमीनी स्तर पर जुड़ा हो नहीं खड़ा कर पायी जिसका असर इन चुनावो में देखने को मिलेगा | बीजेपी आज भी मोदी जी के नाम पर ही हरियाणा के चुनावी समर में उतरने जा रही है ,सिर्फ और सिर्फ मोदी का नाम ही हरियाणा में बीजेपी की नैया पार लगा सकता है, कहने को तो राज्य सरकार की उपलब्धिया बहुत है ,लेकिन जमीनी स्तर पर इस सरकार के कार्यकाल को जनता 50 -50 औसत से ही हाक रही है | सरकार की मुख्य उपलब्धि सरकारी नौकरीयो में इंटरव्यू के बजाय मेरिट बेस से भर्तियां है , जिसकी जनता ने खूब तारीफ की है | बाकी जनता पिछले कार्य काल और इस कार्य काल में ज्यादा फर्क महसुस नहीं कर रही है | हुड्डा के अपने ग्रह नगर (रोहतक ) में हुए दंगे दोनों नेताओ को नुक्सान देते ज्यादा नजर आ रहे है ,दंगो में हुड्डा समर्थको का पकड़ा जाना ,और हुड्डा का नाम आना हुड्डा के लिए जाटो के अलावा दुसरी जातियों के वोट पाने में बहुत बड़ी मुश्किल पैदा करेगा ,वही खटटर का दंगाईयो से निपटने में देरी तथा अदूरदर्शिता खटटर के लिए वोट पाने में मुश्किल पैदा कर रहा है | कुल मिला कर हरियाणा में चुनाव मोदी बनाम हुड्डा ,चौटाला के नाम पर होंगे , जिसमे अभी तक मोदी जी को धारा 370 हटाने का फायदा मिलता नजर आ रहा है , शहरी सीटों पर बीजेपी बढ़त में है, ग्रामीण में कही लड़ाई टक्कर में तो कही कांग्रेस के पक्ष में है ,
सट्टा बाजार
के अनुसार आज बीजेपी 52 से 55 सीटों पर बढ़त पर दिख रही है ,वही कांग्रेस 28 से 30 सीटों पर बढ़त बनाती दिख रही है , 12 से 15 सीटें ऐसी है जहाँ का आंकलन उम्मीदवार के चयन के बाद ही किया जा सकता है| वर्तमान स्थिति को देखते हुए हरियाणा में चुनावी मुकाबला काफी रोचक होने के आसार बन रहे है |