विश्व में भारत की बढ़ती साख,डॉ हर्षवर्धन बनने जा रहे है(WHO) विश्वस्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष.
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कोरोना काल में पुरा विश्व भारत को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौपने जा रहा है। (who)विश्व स्वास्थ्य संगठन के एग्जीक्यूटिव बोर्ड के अगले चेयरमैन भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन होंगे।
कोरोना आपातकाल में ये पद बहुत चुनौतीपूर्ण होगा।क्योकी कोरोना के कारण पुरा विश्व परेशान है तथा WHO की भूमिका पर भी संदेह किया जा रहा है.
डॉक्टर हर्षवर्धन 22 मई को अपना कार्य भार संभालेंगे। वो जापान के डॉ. हिरोकी नकतानी की जगह लेंगे।
पोलियो उन्मूलन में अहम योगदानहर्षवर्धन दिल्ली में भाजपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं। अक्टूबर 1994 में उन्होंने पोलियो उन्मूलन योजना शुरू की।यह कार्यक्रम सफल रहा।बाद में इसे भारत सरकार द्वारा पूरे देश में अपनाया गया।
जाने डॉ हर्षवर्धन के बारे में
डॉ हर्षवर्धन का जन्म 13 दिसम्बर 1954 को दिल्ली में हुआ था।।हर्षवर्धन ने एंग्लो संस्कृत विक्टोरिया जुबली सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दरियागंज से अपनी शिक्षा ग्रहण की। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कानपुर से इन्होंने आयुर्विज्ञान और शल्य-चिकित्सा स्नातक की शिक्षा प्राप्त की।पेशे से चिकित्सक हर्षवर्धन दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और दिल्ली भाजपा के बड़े नेता हैं।चांदनी चौक से लगातार चुनाव जीते डॉ. हर्षवर्धन इससे पहले मोदी सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, पृथ्वी विज्ञान मंत्री थे और वर्तमान में देश का स्वास्थ्य मंत्रालय संभाल रहे है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (who)के कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलाने के लिए ये सभी 194 देश एग्जीक्यूटिव बोर्ड का गठन करते है ,इस बोर्ड में 34 देशो के सदस्यों को चुना जाता है ,सभी 34 सदस्य स्वास्थ्य क्षेत्र के एक्सपर्ट होते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एग्जीक्यूटिव बोर्ड में 34 सदस्यों का कार्य काल 3 साल का होता है,इन्ही 34एग्जीक्यूटिव बोर्ड सदस्यों में चेयरमैन का चुनाव होता है, भारत के डॉ हर्षवर्धन को इस बार एग्जीक्यूटिव बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है
चेयरमैन का कार्य काल 1साल का होता है.
बोर्ड साल में कम से कम दो बार बैठक करता है और मुख्य बैठक आमतौर पर जनवरी में होती है। स्वास्थ्य सभा के तुरंत बाद मई में दूसरी छोटी बैठक होती है। कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का मुख्य कार्य स्वास्थ्य सभा के निर्णयों और नीतियों को प्रभावी बनाने के लिए सलाह देना है और स्वास्थ्य सभा में तय होने वाले फैसले और नीतियों को सभी देशों में ठीक तरह से लागू करवाना होता है।
22 मई, 2020 को बोर्ड का 147 वां सत्र आयोजित किया जाएगा।
मई 2017 में सातवीं विश्व स्वास्थ्य सभा में डब्लूएचओ के सदस्य राज्यों द्वारा डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयस को WHO के महानिदेशक के रूप में पांच साल के लिए चुना गया था।1 जुलाई 2017 को टेड्रोस अदनोम घेब्रेयस ने पदभार ग्रहण किया था ,इनका कार्य काल 2022 तक है
विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) विश्व स्वास्थ्य संगठनWHO की वैधानिक और सर्वोच्च संस्था है। यह संस्था साल में एक बार आम तौर पर मई में अपनी वार्षिक बैठक करती है
यह हर पांच साल में महानिदेशक की नियुक्ति करती है और प्रस्तावित बजट सहित WHO की नीति और वित्त के मामलों पर वोट देती है। यह कार्यकारी बोर्ड की रिपोर्ट की भी समीक्षा करती।विधानसभा के 34सदस्यों का चुनाव करती है,जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव रखते है इनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की जाती है इस बोर्ड के मुख्य कार्य विश्व स्वास्थ्य सभा के निर्णयों और नीतियों को आगे बढ़ाना है,
स्पष्ट है who के कार्यक्रमों को सुचारु रूप से चलाने के लिए महानिदेशक और अन्य कार्यकारी सदस्यों के साथ एक एग्जीक्यूटिव बोर्ड का गठन किया जाता है जिसमे 34 सदस्य नियुक्त होये है इसी एग्जीक्यूटिव बोर्ड का चेयरमेन डॉ हर्षवर्धन(स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार) को नियुक्त किया गया है।