डिजिटल डाटा संरक्षण विधेयक(Digital Data Protection Bill)2022 का मसौदा सार्वजनिक,डाटा (Data) के दुरुपयोग पर 500 करोड़ तक का जुर्माना।

Digital Data Protection के लिए सरकार गंभीर –

केंद्र सरकार ने नए डिजिटल डाटा संरक्षण विधेयक 2022 का मसौदा सार्वजनिक कर दिया है। नए(Digital Data Protection Bill) डिजिटल डाटा संरक्षण विधेयक 2022 में लोगों के निजी डाटा एकत्र करने से पहले सहमति लेना अब अनिवार्य कर दिया है. तथा भारत में डाटा के दुरुपयोग पर 500 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का भी इसमें प्रावधान किया गया है।

Digital Data Protection
Digital Data Protection

डिजिटल डाटा संरक्षण विधेयक के 2019 के मसौदे में बड़ी तकनीकी कंपनियों को डाटा भारत से बाहर ले जाने पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे, जिन पर कम्पनीयो की आपत्ति के बाद 2022 विधेयक में अमेजन (amazon) और फेसबुक (Facebook) जैसी वैश्विक कंपनियों को भारतीयों का डाटा देश से बाहर ले जाने में कुछ राहत दी गई है.

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय-
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी Digital Data Protection Bill के मसौदे के अनुसार,अब कंपनियां निर्धारित समय सीमा तक ही निजी डाटा स्टोर कर पाएंगी।लेकिन केंद्र सरकार को अधिकार होगा कि देश की संप्रभुता व अखंडता के हित और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों व राज्यों को कानून से छूट दे सके।नए मसौदे में एजेंसियों को निजी डाटा असीमित समय तक रखने की छूट का प्रावधान किया गया है

आपको बता दे की 2019 के मसौदे में कुछ कमियों और आपतियो के बाद इसी साल अगस्त में 2019 के मसौदे को वापस ले लिया गया था।अब  2019 के मसौदे की जगह  इसे पेश किया गया है। इस पर 17 दिसंबर तक आपत्ति या सुझाव दिए जा सकते हैं।

10 हजार जुर्माना देना होगा अब किसी दस्तावेज में गलत जानकारी देने पर

कानून प्रवर्तन एजेंसियां असीमित समय तक स्टोर कर पाएंगी निजी डाटा

Digital Data Protection Bill 2022 का नया मसौदा महिला सशक्तीकरण की मिसाल भी-

नए मसौदे में महिलाओं को सशक्त बनाने के मकसद से पुरुषवाचक HE (वह) और HIS (उसका) की जगह स्त्रीवाचक SHE और HER का इस्तेमाल किया गया है। जो देश के विधायी इतिहास में पहली बार किया गया है 

 कंपनी और व्यक्ति के बीच में कड़ी का काम कंसेंट मैनेजर करेगा-

गूगल व फेसबुक जैसी कंपनियों को अब कंसेंट मैनेजर नियुक्त करने होंगे जो उपयोगकर्ता को सहमति देने, समीक्षा करने और सहमति वापस लेने के लिए सुलभ, पारदर्शी व अंतर-संचालित मंच प्रदान करेंगे। digital security 

 इसके साथ साथ बड़ी कंपनियां को डाटा प्रसंस्करण क्षमता जैसे आधार पर कानून के अनुपालन का मूल्यांकन करने के लिए स्वतंत्र डाटा ऑडिटर नियुक्त करने होंगे।

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