राजस्थान में रेगिस्तान के जहाज’ ऊंट(Camel)को पालने पर10 हजार रुपये देगी गहलोत सरकार।
CAMEL –
पिछले कुछ दशकों तक राजस्थान की life line कहे जाने वाले रेगिस्तान के जहाज (DESERT SHIP ) ऊंट (CAMEL )पर भी आधुनिकता का बहुत बुरा असर पड़ा है। आज ये जानवर अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में फिलहाल करीब दो लाख ऊंट हैं।वहीं साल 2019 में हुई पशु गणना में ऊंटों की संख्या 2.52 लाख थी और इससे पहले साल 2012 में हुई पशुगणना में यह संख्या करीब 4 लाख थी.
राजस्थान के राज्य पशु ऊंट को बचाने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने साल 2022-23 के बजट में ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति लागू करने के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
इसी क्रम में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने ऊंटों के लिए एक बहुत अहम फैसला लिया है। गहलोत सरकार ने उष्ट्र संरक्षण योजना का अनुमोदन करने को मंजूरी दी है और इसके साथ ही 2.60 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान को भी स्वीकृति भी दे दी है।
ऊंटों की कम होती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने इनके संरक्षण के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की है। जिसे उष्ट्र संरक्षण योजना के नाम से जाना गया है।
उष्ट्र संरक्षण योजना (Camel Protection Scheme)
योजना के मुताबिक,उष्ट्र संरक्षण योजना का अनुमोदन करने के बाद पशु चिकित्सकों द्वारा मादा ऊंट और बच्चे के टैग लगाकर पहचान पत्र देने के बाद ऊंट पालक को 5000 रुपये देने का प्रावधान इस योजना में किया गया है।
इसके साथ ही प्रत्येक पहचान पत्र के लिए पशु चिकित्सक को 50 रुपये का मानदेय तथा ऊंट के बच्चे के एक साल पूरा होने पर दूसरी किश्त के रूप में 5000 रुपये का प्रावधान किया गया है।
योजना के प्रावधानों के अनुसार दोनों किश्तों की राशि ऊंट पालकों के बैंक खाते में भेज दी जाएगी। बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से ऊंट पालकों को आर्थिक सहायता के साथ प्रोत्साहन मिलेगा।
राज्य सरकार ऊंटों के संरक्षण की दिशा में लगातार काम कर रही है उसी कड़ी में सीएम गहलोत ने यह स्वीकृति जारी की है। बता दें कि राजस्थान में ऊंटों की संख्या लगातार कम हो रही है और ऊंट पालक बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
दूसरे राज्यों में नहीं बेच सकते ऊंट…
सरकार ने ऊंटों की सुरक्षा के लिए उन्हें दूसरे राज्यों में बेचने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा राज्य सरकार ऊंटों के पालन पर किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने पर भी लगातार कार्य कर रही है।
ऊंट के दूध का पूरा कलेक्शन सरकारी डेयरी आरसीडीऍफ (RCDF) द्वारा।
ऊंटनी के दूध का पूरा कलेक्शन सरकारी डेयरी आरसीडीऍफ (RCDF) द्वारा किया जा रहा है, जिससे किसानों को बाजार खोजने के लिए भी मशक्कत नहीं करनी पड़ती,
राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार भी किसानों के बीच ऊंट पालन को लेकर जागरुकता बढ़े, इसके लिए कई सारी योजनाएं भी समय-समय पर लॉन्च करती रहती है।
ऊंटनी के दूध का पोषक तत्व – Camel Milk Nutritional Value in Hindi
ऊंटनी के दूध में विटामिन, मिनरल और कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। ऊंटनी के दूध में 3.4 प्रतिशत प्रोटीन, 3.5 प्रतिशत फैट, 4.4 प्रतिशत लैक्टोज और पानी 87 प्रतिशत पाया जाता है
इसके अलावा, ऊंटनी के दूध की प्रति 100 ग्राम मात्रा में नीचे बताए गए मिनरल पाए जाते हैं –
जिंक : 0.53 मिलीग्राम
मैंगनीज : 0.05 मिलीग्राम
मैग्नीशियम : 10.5 मिलीग्राम
आयरन : 0.29 मिलीग्राम
सोडियम : 59 मिलीग्राम
पोटेशियम : 156 मिलीग्राम
कैल्शियम : 114 मिलीग्राम
इन सभी मिनरल्स के साथ, ऊंटनी का दूध कई तरह के विटामिन से भी समृद्ध होता है, जैसे विटामिन-ए, बी, सी, डी और विटामिन-ई।
ऊंटनी के दूध का प्रयोग पीने के साथ ही, कॉफी, चाय, स्मूदी, सॉस, सूप, मैक एंड चीज, पैनकेक और वैफल्स बनाने में किया जा सकता है। इसके अलावा, ऊंटनी के दूध की मदद से पनीर, योगर्ट और बटर भी बनाया जा सकता है।
ऊंटनी (camel) के कच्चे दूध का सेवन नही करना चाहिए –
ऊंटनी के कच्चे दूध का सेवन जूनोटिक संक्रमण (जानवरों से इंसानों में) का कारण बन सकता है, इसलिए इसके कच्चे दूध का सेवन न करने की सलाह दी जाती है
https://newsjanhit.com/2022/12/gst-collection1-40-gst.html gst collection
https://rajasthan.gov.in/ राजस्थान सरकार पोर्टल